डीजीसीए की बड़ी तैयारी: पायलटों के आराम के समय में होगा इजाफा, 1 जुलाई से लागू होंगे नए ड्यूटी मानदंड

दिल्ली उच्च न्यायालय में हाल ही में पेश किए गए एक हलफनामे के अनुसार, पायलटों के लिए साप्ताहिक विश्राम अवधि को 36 घंटों से बढ़ाकर 48 घंटे किया जाएगा। यह फैसला नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने लिया है, जो 1 जुलाई 2025 से चरणबद्ध तरीके से नए नियमों को लागू करेगा। इन संशोधित नियमों में पायलटों की थकान और उनके कार्य-समय से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।

साप्ताहिक विश्राम अवधि को 48 घंटे किया जाएगा

डीजीसीए के अनुसार, एयरलाइंस 1 जुलाई से पायलटों के लिए ड्यूटी और विश्राम घंटों के संशोधित मानदंडों को लागू करेंगी। इन नए नियमों के तहत, पायलटों को एक सप्ताह में न्यूनतम 48 घंटे का विश्राम मिलेगा, जिसमें दो स्थानीय रातें शामिल होंगी। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि साप्ताहिक विश्राम की अवधि के अंत और अगली विश्राम अवधि की शुरुआत के बीच 168 घंटे से अधिक समय न हो।

सीएआर की नई समयसीमा

पहले, यह संशोधन 1 जून 2024 से लागू होने की योजना थी, लेकिन अब इसे 1 जुलाई 2025 तक लागू किया जाएगा। इसके तहत पायलटों के उड़ान ड्यूटी समय और विश्राम मानदंडों में बड़े बदलाव किए गए हैं। इनमें रात में उड़ान संचालन की अधिकतम अवधि 8 घंटे और अधिकतम उड़ान ड्यूटी समय 10 घंटे तक सीमित किया जाएगा। इसके अलावा, रात के समय लैंडिंग की संख्या को 6 से घटाकर 2 किया जाएगा।

पायलटों की थकान को कम करने के लिए बदलाव

इस निर्णय का उद्देश्य पायलटों में थकान और अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना है, जो लंबे समय तक लगातार उड़ान भरने से उत्पन्न हो सकती हैं। उच्च न्यायालय ने डीजीसीए को एयरलाइंस, पायलट समूहों और मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के परिणामों का विचार करने के बाद रोडमैप प्रस्तुत करने को कहा था।

संशोधित नियमों के लागू होने से पायलटों को मिलेगा राहत

संशोधित उड़ान ड्यूटी समय सीमाओं के साथ पायलटों को एक बेहतर कार्य वातावरण और अधिक आराम मिलेगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा में भी सुधार होगा। अदालत में पायलट संघों की ओर से दायर की गई याचिकाओं के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें पायलटों के थकान और कार्य-समय को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई थी।

अदालत की सुनवाई और आगामी तारीख

मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी 2025 को होगी, जब डीजीसीए और अन्य संबंधित पक्षों द्वारा प्रस्तुत हलफनामे और कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।

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