Yoga Tips: नौकासन से पाचन, वजन और शरीर की मजबूती में होगा सुधार, जानें करने का सही तरीका

योग एक प्राचीन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उपचार प्रणाली है, जो शरीर के विभिन्न अंगों और मानसिक स्थिति को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह शरीर को न केवल लचीला बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। योग की कई क्रियाएं और आसन होते हैं जो शरीर की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन है नौकासन, जिसे अंग्रेजी में Boat Pose भी कहा जाता है। यह आसन विशेष रूप से पेट, पीठ, और पैरों के लिए लाभकारी माना जाता है और शरीर को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है। आइए, जानते हैं नौकासन के लाभ, इस आसन को करने का तरीका और कुछ जरूरी सावधानियों के बारे में।

नौकासन के स्वास्थ्य लाभ (Benefits of Boat Pose)

  1. पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है
    नौकासन का नियमित अभ्यास पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह आसन पेट की गहरी मांसपेशियों को सक्रिय करता है और रीढ़ की हड्डी को सहारा देता है। इससे शरीर की मुद्रा में सुधार होता है और पीठ के दर्द में भी राहत मिलती है।
  2. पैरों और बांहों की मांसपेशियां टोन होती हैं
    नौकासन का अभ्यास करने से न केवल पेट, बल्कि पैरों और हाथों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। इस आसन में शरीर का अधिकांश वजन पैरों और हाथों पर पड़ता है, जिससे इन अंगों में मजबूती और लचीलापन आता है।
  3. पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है
    नौकासन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। यह पेट के अंगों पर दबाव डालता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और पेट संबंधित समस्याओं जैसे कब्ज, अपच और गैस में राहत मिलती है।
  4. हर्निया से राहत
    हर्निया की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए नौकासन विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। यह आसन पेट के दबाव को नियंत्रित करने में मदद करता है और हर्निया की स्थिति को कम करता है।
  5. लीवर, फेफड़े और पैनक्रियाज को मजबूत करता है
    नौकासन लीवर, फेफड़ों और पैनक्रियाज की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। इस आसन से रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को पोषण मिलता है और वे अधिक सक्रिय रहते हैं।
  6. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
    नौकासन शरीर में रक्त का संचार बढ़ाता है, खासकर पेट, फेफड़े और हाथों के क्षेत्र में। यह परिसंचरण को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह ठीक तरीके से होता है और हर अंग को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।
  7. वजन घटाने में मदद करता है
    वजन घटाने के लिए भी नौकासन एक बेहतरीन आसन माना जाता है। यह पेट की जिद्दी चर्बी को घटाने में मदद करता है और शरीर को टोन करता है। नियमित अभ्यास से वजन कम करने के साथ-साथ शरीर की संरचना में सुधार होता है।
  8. शुगर लेवल को नियंत्रित करता है
    नौकासन का अभ्यास रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को स्थिर करने में मदद कर सकता है। यह खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनका शुगर लेवल अनियमित रहता है। इसके नियमित अभ्यास से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।

नौकासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Boat Pose)

  1. स्टेप 1 – सबसे पहले, पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को सीधा फैलाएं और उन्हें एक-दूसरे के पास रखें।
  2. स्टेप 2 – दोनों हाथों को शरीर के बगल में सीधा रखें और गहरी सांस लें। यह आपको मानसिक और शारीरिक रूप से इस आसन के लिए तैयार करेगा।
  3. स्टेप 3 – अब, सांस छोड़ते हुए अपनी छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। सुनिश्चित करें कि आपका शरीर एक नाव (boat) जैसा आकार ले।
  4. स्टेप 4 – अपनी बाहों को पैरों की दिशा में जितना संभव हो खींचें और ध्यान रखें कि आपका शरीर का ऊपरी हिस्सा और पैर एक सीध में हो।
  5. स्टेप 5 – इस स्थिति में, आंखें, उंगलियां और पैर की उंगलियां एक सीध में रखें। यह स्थिति शरीर की लचीलापन और संतुलन को बेहतर बनाती है।
  6. स्टेप 6 – इस स्थिति में रहने पर आपके पेट की मांसपेशियों में तनाव महसूस होगा। ध्यान रखें कि पेट की मांसपेशियां सक्रिय हो और आप गहरी सांस लें।
  7. स्टेप 7 – कुछ समय इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।

नौकासन की सावधानियां (Precautions for Boat Pose)

  1. ब्लड प्रेशर – अगर आपको उच्च या निम्न रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की समस्या है, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें। इस आसन से रक्त का संचार बढ़ता है, जो कुछ लोगों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।
  2. गंभीर सिरदर्द या माइग्रेन – यदि आप सिरदर्द या माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो नौकासन से बचें। यह आसन सिर के ऊपर दबाव डाल सकता है, जो स्थिति को और खराब कर सकता है।
  3. गर्भावस्था और मासिक धर्म – गर्भवती महिलाओं को इस आसन से बचना चाहिए, क्योंकि यह पेट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। इसी तरह, मासिक धर्म के दौरान भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
  4. रीढ़ की हड्डी की समस्या – यदि आपकी रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या है, तो नौकासन का अभ्यास करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  5. अस्थमा और हृदय रोग – अस्थमा और हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन से बचने की सलाह दी जाती है।
  6. योग विशेषज्ञ से सलाह लें – इस आसन का अधिकतम लाभ पाने के लिए योग विशेषज्ञ से मार्गदर्शन प्राप्त करें, ताकि आप इसे सही तरीके से कर सकें और कोई चोट न लगे।

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