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वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और चीन समेत अन्य देशों को एक चेतावनी दी है। जिसमें उन्होंने इन देशों पर रिसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिक्रिया स्वरूप शुल्क) लगाने की धमकी दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका भी उन देशों पर वही शुल्क लगाएगा, जो वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश, जैसे भारत या चीन, अमेरिका पर शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उसी तर्ज पर उन देशों पर शुल्क लगाएगा।
ट्रंप ने कहा कि उनका उद्देश्य निष्पक्ष होना है। वे चाहते हैं कि जो शुल्क इन देशों ने अमेरिकी उत्पादों पर लगाया है, वही शुल्क वे उन देशों पर लगाएं। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड महामारी से पहले उन्होंने इस पर विचार किया था, लेकिन अब वे इसे लागू करने की योजना बना रहे हैं।
ट्रंप ने भारत के टैरिफ को लेकर काफी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत में व्यापार करना बेहद कठिन है क्योंकि वहां टैरिफ सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की व्यापार नीति ने इसे “टैरिफ किंग” बना दिया है, और भारतीय बाजार में अमेरिकी कंपनियों के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं।
ट्रंप ने एक और उदाहरण दिया, जब अमेरिकी मोटरसाइकिल कंपनी हार्ले डेविडसन को भारत में भारी टैरिफ का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत में टैरिफ की वजह से हार्ले डेविडसन को अपनी मोटरसाइकिलों को बेचने में कठिनाई हो रही थी। इसके परिणामस्वरूप, हार्ले डेविडसन को भारत में उत्पादन की सुविधा स्थापित करनी पड़ी। ट्रंप ने इसे उदाहरण के तौर पर बताया कि भारत के भारी शुल्क ने अमेरिकी कंपनियों को भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए मजबूर किया।
ट्रंप की ये बातें दर्शाती हैं कि वह अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर ज्यादा सख्त हैं और चाहते हैं कि अन्य देशों के साथ व्यापार में निष्पक्षता बरती जाए। वे अपने देश के उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने को एक तरह की “अन्यायपूर्ण” नीति मानते हैं और इसके बदले में समान शुल्क लगाने की बात करते हैं।