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नयी दिल्ली : 1984 सिख दंगों के मामले में दोषी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। पीड़ित पक्ष की तरफ से सज्जन कुमार के लिए फांसी की सजा की मांग की गई है। फिलहाल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब सज्जन कुमार के लिए 25 फरवरी को सजा तय की जाएगी।
सज्जन कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगों के समय सरस्वती विहार इलाके में जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाया गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सज्जन कुमार की सजा पर दलीलें सुनने के लिए मामले को 21 फरवरी को सूचीबद्ध किया था। शुक्रवार को पीड़ित पक्ष की तरफ वकील ने सज्जन कुमार की सजा पर बहस पर लिखित दलील कोर्ट में जमा की। कोर्ट ने सज्जन कुमार के वकील से कहा कि वो भी मामले में लिखित दलील जमा कर दें।
कोर्ट ने माना- उग्र भीड़ का सज्जन कुमार ने नेतृत्व किया
कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ IPC की धारा 147/148/149/302/308/323/395/397/427/436/440 के तहत अपराधों के लिए आरोप तय किए थे। SIT ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार उक्त भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और उसके उकसाने पर भीड़ ने उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को जिंदा जला दिया था।
तमाम दलीलों के बाद 12 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दंगा, हत्या, गैरकानूनी सभा का सदस्य होने और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया। कोर्ट ने माना कि सज्जन कुमार उस भीड़ को उकसा रहे थे, जिसने 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में बाप-बेटे की हत्या की थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 139 पन्नों के फैसले में कहा, ‘ये साबित हो चुका है कि सज्जन कुमार, ऐसी गैरकानूनी सभा का सदस्य होने के नाते 1 नवंबर 1984 को हुए दंगों की घटना के दौरान शिकायतकर्ता के पति जसवंत सिंह और बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या करने के दोषी हैं।