राहुल गांधी ने छात्रों से पूछा- शीर्ष निजी कंपनियों में कितनी कंपनियों के प्रमुख दलित हैं?

  • कहा, सुविधाओं के अभाव में भी आंबेडकर ने पूरी राजनीतिक व्यवस्था को हिला कर रख दिया था : राहुल

लखनऊ। लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे थे। लखनऊ से सड़क मार्ग से यात्रा करते हुए गांधी सबसे पहले चुरुवा सीमा पर हनुमान मंदिर गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी ने उनका स्वागत किया। देश के संविधान में दलितों का योगदान रेखांकित करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं सांसद राहुल गांधी ने कहा कि डॉ. बीआर आंबेडकर के पास सुविधाओं का अभाव था, फिर भी उन्होंने पूरी राजनीतिक व्यवस्था को हिलाकर रख दिया था।
कांग्रेस नेता और रायबरेली के सांसद ने बरगद चौराहा के पास ‘मूल भारती’ छात्रावास के दलित छात्रों के एक समूह से बातचीत करते हुए यह बात कही। उनके साथ कांग्रेस के अमेठी से सांसद किशोरी लाल शर्मा और पार्टी के अन्य नेता भी थे। नेता प्रतिपक्ष एवं रायबरेली से सासंद राहुल गांधी ने कहा कि एक पूरी व्यवस्था है जो दलितों के खिलाफ है और नहीं चाहती कि वे आगे बढ़ें। व्यवस्था आप पर हर रोज हमला करती है और आधे से ज्यादा बार तो आपको पता भी नहीं चलता कि यह आप पर कैसे हमला करती है।
देश की बड़ी 500 फर्मों में शामिल कुछ शीर्ष निजी कंपनियों का नाम लेते हुए गांधी ने युवाओं से पूछा कि उनमें से कितनी कंपनियों के प्रमुख दलित हैं। जब एक युवा ने जवाब दिया कोई नहीं, तो गांधी ने उससे पूछा, क्यों नहीं? दूसरे युवा ने जवाब दिया “क्योंकि हमारे पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
राहुल गांधी ने असहमति जताते हुए कहा (बी आर) आंबेडकर के पास कोई सुविधा नहीं थी। वे अपने प्रयासों में अकेले थे, फिर भी उन्होंने देश की राजनीति को हिलाकर रख दिया था।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक पूरी व्यवस्था है जो दलितों के खिलाफ है और नहीं चाहती कि वे आगे बढ़ें। व्यवस्था आप पर हर रोज हमला करती है और आधे से ज्यादा बार तो आपको पता भी नहीं चलता कि यह आप पर कैसे हमला करती है।
राहुल गांधी ने कहा, आपको यह समझने की जरूरत है कि संविधान की विचारधारा ही आपकी विचारधारा है। मैं आपको गारंटी के साथ कह सकता हूं कि अगर इस देश में दलित नहीं होते तो इस देश को संविधान नहीं मिलता। यह आपकी विचारधारा है, यह आपका संविधान है लेकिन आप जहां भी जाते हैं, आपको कुचल दिया जाता है।

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