बेशकीमती पेड़ों का अंधाधुंध कटान जारी : वन विभाग के अफसर बेखबर

  • निचलौल सदर बीट का एक वन दरोगा सुर्खियों में, जांच हो तो बेनकाब होंगे कई चेहरे
  • निचलौल क्षेत्र के रायपुर गांव में बिना परमिट के काटे गए कई पेड़, जानकारी मिलने पर अफरातफरी का माहौल

महराजगंज। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का सख्त फरमान है। महराजगंज के खुबसूरत जंगल को बचाकर वन्य जीवों को सुरक्षित ठौर की व्यवस्था कराई जाएं। लेकिन निचलौल क्षेत्र के एक चर्चित वन दरोगा की कारस्तानी से लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए हैं। बिना परमिट के अंधाधुंध बेशकिमती सागौन,साखू की कटान जोरों पर है। बताया जाता है कि चर्चित एक वन दरोगा और लकड़ी माफियाओं का गठजोड़ ने माहौल को गरमा दिया है।

सूत्रों की मानें तो बुधवार को बिना परमिट के निचलौल थाना क्षेत्र के रायपुर गांव में सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। दैनिक भास्कर टीम ने इस पूरे प्रकरण की पड़ताल शुरू की। टीम ने निचलौल क्षेत्र के वन दरोगा राम प्रसाद से बात की, तो वन दरोगा ने बताया कि रायपुर में 5 पेड़ का परमिट जारी हुआ है। लेकिन वन दरोगा जी ने यह बताने से इंकार कर दिया कि परमिट किसके नाम से जारी किया गया है। भास्कर टीम ने इसकी सच्चाई जानने के लिए डीएफओ कार्यालय पहुंची।

लकड़ी कटान जारी करने वाले पटल बाबू रमेश कुमार से उक्त प्रकरण की जानकारी लेने की गुजारिश की। लेकिन पटल बाबू ने पहले, तो इंकार किया, लेकिन बाद में काफी कुरेदने के बाद परमिट रजिस्टर के हर पन्ने पर अपनी निगाहें दौड़ाई। पर किसी भी पन्ने पर रायपुर गांव में किसी के नाम से लकड़ी कटान का परमिट उललेख नहीं किया गया था। यह खबर आग की तरह प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय के हर कमरे में पहुंची। ऐसा लगा कि मानों एक बार फिर निचलौल क्षेत्र के चर्चित वन दरोगा का नाम सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी। कार्यालय में बैठे वन सुरक्षा अधिकारी मोहन सिंह ने भी मामले की तहकीकात किया। लेकिन उन्हें भी रायपुर में परमिट जारी होने की कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी।

दैनिक भास्कर टीम ने कई बार निचलौल सदर बीट के वन दरोगा से उनके मोबाइल नंबर 9219303609 पर बात करने की कोशिश की। फोन पर घंटियां भी खूब घनघनाई। लेकिन वन दरोगा साहब ने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई।यहां बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रो में साखु अथवा सागौन की लकड़ी काटने के लिए वन विभाग से परमिट करवाना अनिवार्य है। इसके लिए बकायदा खसरा, खतौनी, आधार आदि कागजात अनिवार्य है।

इसकी सूचना वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके बाद क्षेत्र के वन कर्मी जांच पड़ताल करके इसकी फाइल मेंटेन कर पूरी प्रक्रिया अपना कर परमिट जारी किए जाने का प्रावधान है। लेकिन निचलौल क्षेत्र में न तो पेड़ काटने का परमिट जारी होता है न ही वहां के वन दरोगा द्वारा पहल की जाती है।

रायपुर में अवैध रूप से पेड़ कटान करने की जानकारी मिली है। मामले की पूरी तरह तहकीकात की जाएगी। जो भी इस मामले में संलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ वन्य अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अर्शी मलिक, एसडीओ निचलौल, वन विभाग

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