
- उर्सला कैंपस में रहने वाली स्रेहा ने बच्चे की हत्या कर लगायी थी फांसी
कानपुर। बच्चे की हत्या कर फांसी लगाने वाली विवाहिता की मौत के मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस एक्शन लिया है। मामले में पुलिस ने पति, ससुर समेत तीन लोगों के खिलाफ दहेज हत्या, प्रताड़ना और दहेज उत्पीड़न की धाराओं में बुधवार को रिपोर्ट दर्ज करके तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। कल्याणपुर आवास विकास बगिया निवासी राजू बाल्मीकि बैंक आॅफ बड़ौदा में चपरासी हैं।
उनके परिवार में मां रानी, पत्नी राजकुमारी और तीन बेटे रंजीत, सुमित और अमित है। सुमित की शादी तीन साल पहले लालबंगला निवासी स्नेहा (25) से हुई थी। स्नेहा और सुमित अपने 15 महीने के बच्चे के साथ उर्सला के सरकारी क्वार्टर में रहते थे।17 फरवरी की देर शाम को ससुरालियों की प्रताड़ना से तंग होकर स्नेहा ने पहले बच्चे की हत्या की। फिर खुद फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था।
मामले में मायके वालों की तहरीर पर कोतवाली थाने की पुलिस ने पति सुमित, ससुर राजू और रिश्तेदार गोविंद के खिलाफ दहेज हत्या, प्रताड़ित करने और दहेज उत्पीड़न की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करके पति समेत तीनों आरोपियों को बुधवार को अरेस्ट कर लिया। स्रेहा की मां नीतू ने बताया कि सुमित किसी के साथ रिलेशन में थे जिसकी जानकारी बेटी को थी वह यह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी हम बेटी को समझाते थे लेकिन इन लोगों की हरकते बंद नहीं हो रही थी। मेरी बेटी को टॉर्चर करते थे।कहते थे कि खाना नहीं बना पाती इसे कुछ नहीं आता है।
मेरी बच्ची को अलग कर दिया था, सब बड़ी बहू को लेकर कल्याणपुर में रहते थे। मेरी बेटी को परेशान करने के लिए अलग कर दिया था। मेरी बेटी से कहते थे कि तेरे घर से जेवरात नहीं मिले थे, तू आर्टिफिशियल ज्वैलरी ही पहन।इस दौरान मां ने बताया कि मेरी बेटी इतने हंसमुख स्वभाव की थी, अभी महज उसकी 25 साल ही उम्र थी, शादी कम समय में ही कर दी थी। शुरूआत में सुमित ने बहुत ख्याल रखा लेकिन फिर वह बदल गया और आखिकार बेटी को परिवार ने लील लिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
मां नीतू ने कहा की मेरी बेटी की इंस्टाग्राम रील देख लो आपको खुद पता चल जाएगा कि मेरी बेटी कितनी हंसमुख स्वभाव की थी। शादी के बाद से उसकी हंसी गायब हो गई।चकेरी के लाल बंगला में रहने वाले मृतक स्नेहा के पिता श्याम ने बताया कि शादी के दिन ही लड़के वालों ने अचानक से कार की डिमांड रख दी थी। उन्होंने एन वक्त पर ये डिमांड रखी थी। इस वजह से मैं अरेंज नहीं कर सका था। तो मैंने उन्हें बाद के लिए आश्वासन दिया था कि बाद में कार दूंगा।
बाद में मैं और मेरी बेटी का उनके परिवार से ही विवाद चला आ रहा था। यहां तक कि वो लोग मेरी बेटी को अपने परिवार के साथ भी नहीं रखते थे।जब भी बेटी मायके आती या फिर फोन पर बात होती थी तो बेटी यही कहती थी कि पापा गलत जगह फांस दिया है। जब वो अपने ससुराल वालों के पास जाती थी तो वो लोग कमेंट करके इतना टॉर्चर करते थे कि वह फिर से वापस चली जाती थी। बुलेट की चाबी फेंक कर की थी कार की डिमांड।