खबर का असर : भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम पंचायत के लिए जांच समिति गठित, रिपोर्ट का इंतजार

  • डीपीआरओ ने दो अधिकारियों को किया जांच अधिकारी नामित
  • 14 फरवरी को प्रभारी मंत्री से की गई थी शिकायत

सीतापुर। विकासखंड रेउसा की ग्राम पंचायत ग्वारी की हुई शिकायत को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिस पर प्रशासन ने एक्शन लेते हुए विकास कार्यो के नाम पर निकाली गई धनराशि की जांच करने का फरमान जारी कर दिया है। जिसके तहत डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू ने दो अधिकारियों की एक जांच समिति गठित कर दी है जो कि जांच कर मामले की रिपोर्ट देगी।

आपको बताते चलें कि विकासखंड रेउसा की ग्राम पंचायत ग्वारी श्रवण कुमार ने बीते दिवस सीतापुर दौरा पर आए प्रभारी मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के सामने डीएम को शपथ पत्र पर एक शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने ग्रांम पंचायत में बिना कार्य कराए ही करोड़ों की धनराशि निकाले जाने का गंभीर आरोप लगाया था। की गई शिकायत में कहा गया था कि ग्राम पंचायत ग्वारी के ग्राम प्रधान इस पंचवर्षीय योजना में जमकर भ्रष्टार किया गया है। राज्य वित्त एवं पंद्रहवां वित्त के खाते में जो धनराशि आती है उसका बिना काम कराये ही धनराशि खाते से निकाल ली गई है।

ग्राम पंचायत में नाली खडण्जा कार्य न कराकर तथा गाँव का विकास न करके सरकारी खाते से धनराशि अपने काम में खर्च की जाती हैं। प्रधान द्वारा कुछ निश्चित फर्मों पर राज्य वित्त की धनराशि भेजी जाती है तथा उनसे वापस कर ली जाती है। प्रधान के इस भ्रष्टाचारी रवैया के चलते गाँव का विकास ठप हो रहा है जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को नही मिल पा रहा है। इसी को लेकर दैनिक भास्कर ने 18 फरवरी के अंक में ग्राम पंचायत ग्वारी में भ्रष्टाचार का बोलबाला नामक शीर्षक से खबर काप प्रकाशन किया था। जिसे संज्ञान में लेते हुए डीपीआरओ जांच बैठाल दी है।

इतना हुआ है घोटाला –

प्रधान द्वारा पिछले वर्षो से अब तक जो पैसा सरकारी खाते में भुगतान किया गया है। जिसके तहत वर्ष 20-21, 21-22, 22-23 तथा 23-24 में अकमल खान के नाम से 1401221 रूपया, वर्ष 20-21, 21-22, 22-23 तथा 23-24 में मो. इलियास खान के नाम से 20811993 रूपया, वर्ष 20-21, 21-22, 22-23 तथा 23-24 में रिसित सेनेटरी टाइल्स नामक फर्म पर 2882066 रूपया, वर्ष 20-21, 21-22, 22-23 तथा 23-24 में जय गणेश इंटरप्राइजेज के नाम पर 670872 रूपया, वर्ष 20-21, 21-22, 22-23 तथा 23-24 में चौहान इंटरप्राइजेज के नाम पर 410095 रूपया तथा वर्ष 20-21, 21-22, 22-23 तथा 23-24 में एसके टेक्सटाइल्स के नाम पर 229261 रूपया निकाला गया। ऊपर लिखी सभी फर्मों या नामो पर जो धनराशि खर्च की गयी है उसका केवल भ्रष्टाचार तथा बंदरबांट ही किया गया हे न कि ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर खर्च किया है।

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