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लखनऊ : अखिलेश यादव का यह बयान हाल ही में उनके द्वारा दिए गए एक बयान से संबंधित लगता है, जहां उन्होंने चुनाव प्रक्रिया और नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर चुनाव के दौरान प्रेसिडिंग ऑफिसर और अधिकारी खुद वोट डालने लगे, तो ऐसे में चुनाव की निष्पक्षता और वैधता पर सवाल उठ सकते हैं। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के पक्षधर हैं।
इसके बाद, “जो अपने आप को साधकर चले वह साधु है” वाला बयान शायद उन लोगों पर निशाना था जो अपनी स्थिति या शक्ति का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह सवाल भी किया कि क्या वे सच में “साध कर चल रहे हैं” और क्या उनकी कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष है।
यह बयान एक तरह से सत्ता पक्ष पर आरोप लगाने के रूप में देखा जा सकता है, खासकर चुनावी माहौल में, जहां निष्पक्षता और सच्चाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।