
खांसी और छींक आना सामान्य बात है, लेकिन क्या आपने कभी सोते वक्त यह महसूस किया कि खांसी और छींक नहीं आती? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
शरीर के लिए नींद बहुत जरूरी होती है। जब शरीर को पर्याप्त नींद मिलती है, तो वह फिर से ऊर्जा से भर जाता है। हालांकि, आपने ध्यान दिया होगा कि जब हम सोते हैं तो खांसी और छींक नहीं आती। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि जब इंसान सोता है, तो शरीर के अधिकतर अंग आराम की स्थिति में होते हैं। इसलिए छींकने वाली नसें भी आराम करती हैं, जिससे नींद में छींक आना असंभव हो जाता है। हालांकि हल्की छींक कभी-कभी आ सकती है, लेकिन गहरी नींद में यह बहुत कम होती है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति को बीमारी या एलर्जी हो, तो रात में खांसी हो सकती है।
नींद के दौरान शरीर और दिमाग दोनों आराम करते हैं, जिससे खांसी और छींक के लिए जिम्मेदार नसें भी आराम में रहती हैं। वहीं, जब हम जागते हैं और बाहरी कण या धूल नाक में जाती है, तो नाक में इरिटेशन पैदा होता है। यह इरिटेशन दिमाग को सिग्नल भेजता है, और दिमाग मांसपेशियों को आदेश देता है कि धूल को बाहर निकालने के लिए छींक की जरूरत है। लेकिन सोते वक्त ये मांसपेशियां आराम की स्थिति में होती हैं, इसलिए छींक नहीं आती।
नींद शरीर और दिमाग दोनों के लिए जरूरी होती है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और हार्मोन का संतुलन बना रहता है। इसलिए पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है, ताकि शरीर सही तरीके से कार्य कर सके।















