
Haryana Cabinet Minister Anil Vij : हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना अब भारी पड़ता नजर आ रहा है। मोहन लाल बडौली ने अनिल विज को इसके लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है, और तीन दिन के भीतर लिखित जवाब मांगा है।
अंबाला छावनी से सातवीं बार विधायक चुने गए अनिल विज को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना अब महंगा पड़ गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देशों का हवाला देते हुए प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने अनिल विज के बयानों को पार्टी की नीतियों के विपरीत और अनुशासनहीनता करार दिया है।
पार्टी ने विज को दिया कारण बताओ नोटिस
मोहन लाल बडौली (Mohan Lal Badoli) ने विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तीन दिनों में लिखित स्पष्टीकरण की मांग की है। विज ने मुख्यमंत्री के उड़नखटोले पर सवार होने और नीचे उतरकर जनता की सुनवाई करने का बयान दिया था, साथ ही कसौली दुष्कर्म कांड के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली से इस्तीफा मांगा था।
नोटिस में बडौली ने विज से पूछा-
“अनिल विज जी, आपको सूचित किया जाता है कि आपने हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं। यह गंभीर आरोप हैं और पार्टी की नीतियों तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं। आपका यह कदम न केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह उस समय हुआ है, जब पार्टी पड़ोसी राज्य में चुनाव के लिए अभियान चला रही थी। चुनावी समय में एक सम्मानित मंत्री पद पर रहते हुए इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा, यह जानते हुए आपने ऐसे बयान दिए, जो पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। आपसे अपेक्षा की जाती है कि तीन दिनों के भीतर आप इस विषय पर लिखित स्पष्टीकरण दें।”
अब खतरे में हैं विज का मंत्री पद
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि अगर पार्टी विज के जवाब से संतुष्ट नहीं होती, तो उनके मंत्री पद पर खतरा हो सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी ने अनिल विज को नोटिस जारी कर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनुशासन का कड़ा संदेश दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह के मंत्रिमंडल में अनिल विज बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री हैं और उनके मंत्रालयों में उनका स्थान मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में भी अनिल विज दूसरे नंबर के सबसे वरिष्ठ मंत्री थे। मनोहर लाल के साथ उनकी कई साल तक खटपट रही। आरोप है कि अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली के खिलाफ उस समय बयानबाजी की, जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव चल रहे थे। विज ने लगातार पांच दिनों तक अपनी नाराजगी जाहिर की।
विज की नाराजगी दूर करने के लिए चंडीगढ़ से आए पूनिया
विज ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा सहयोग नहीं करने की बात रखी थी, लेकिन उन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, विज के बयान के बाद अंबाला भाजपा के कोषाध्यक्ष आशीष तायल को पदमुक्त किया गया और डीसी पार्थ गुप्ता को अंबाला से हटा दिया गया।
लगातार पांच बार अपनी सरकार पर किया सियासी हमला
- 30 जनवरी: विज का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि वे ग्रीवेंसेज कमेटी की बैठक में नहीं जाएंगे, क्योंकि उनके आदेशों की पालन नहीं होती। अफसरों ने छोटे-छोटे काम भी अटका दिए हैं। अगर अंबाला के लिए उन्हें अनशन तक करना पड़ा तो वे करेंगे।
- 31 जनवरी: अगले दिन विज का एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि सीएम बनने के बाद सैनी उड़नखटोले पर हैं, नीचे उतरकर जनता के दुख-दर्द को देखें। इसके बाद अंबाला के डीसी को बदला गया।
- 1 फरवरी: विज ने एक और बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर झुकने वाले नहीं हैं और जो भी कहते हैं, वह उनकी आत्मा बोलती है।
- 2 फरवरी: रोहतक और गोहाना में तीखे तेवर दिखाए और कहा कि मंत्री किसी को कुछ देकर नहीं बना। जब चाहे हटा सकते हैं। विधायक जनता ने बनाया है, वह कोई नहीं छीन सकता। विज मोहन लाल बडौली पर भी हमलावर रहे।
- 3 फरवरी: उन्होंने कहा, “मैं इस्तीफा देने के लिए नहीं बना हूं, बल्कि इस्तीफा दिलवाने के लिए बना हूं। मैं आवाज उठाऊंगा और उठाता रहूंगा, क्योंकि चुप रहना भी अपराध है। मैं चुप नहीं बैठूंगा क्योंकि जनता का मैंडेट काम करने के लिए है।”













