प्रयागराज महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और यातायात व्यवस्था पर दबाव, संगम स्टेशन बंद

kajal soni

फरवरी के महिने में महाकुंभ में लगातार भारी भीड़ देखने को मिल रही है ऐसे में महाकुंभ में श्रद्धालुओं का अपार सैलाब उमड़ रहा है, बता दें कि रविवार की छुट्टी के दिन श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ गई है, जिसके कारण मेला क्षेत्र में भारी भीड़ और जाम की स्थिति बन गई है। संगम में स्नान करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है और प्रशासन को भारी यातायात व्यवस्था संभालने में कठिनाई हो रही है। रविवार शाम तक आंकड़ों के मुताबिक, 1.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जबकि 13 जनवरी से लेकर 9 फरवरी तक कुल 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां पवित्र डुबकी लगाई है।

जाम की समस्या और यातायात व्यवस्थाएं

महाकुंभ के दौरान बढ़ती भीड़ के कारण संगम और आसपास के इलाकों में यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई है। खासकर वाराणसी, लखनऊ और कानपुर से आने वाले मार्गों पर 25 किलोमीटर तक का जाम देखने को मिल रहा है। प्रयागराज में करीब 7 प्रमुख रास्तों पर यातायात का दबाव बढ़ने से सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं और घंटों तक लोग जाम में फंसे हुए हैं। जाम खुलने का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को न केवल लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, बल्कि कई बार वे भूखे और प्यासे भी रह जाते हैं।

एडीसीपी (यातायात) कुलदीप सिंह ने बताया कि वाहनों की अत्यधिक संख्या के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, और श्रद्धालु संकरे रास्तों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, मेला क्षेत्र में एक बार फिर से वही परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं जो मौनी अमावस्या के दौरान देखी गई थीं। प्रशासन ने मौनी अमावस्या के दौरान जैसी व्यवस्थाएं लागू की थीं, उसी तरह की व्यवस्था को लागू किया है, जिसमें दूर की पार्किंग का उपयोग शुरू कर दिया गया है।

संगम स्टेशन बंद और अन्य व्यवस्था

बता दें कि प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन पर भी अत्यधिक भीड़ के कारण प्रशासन ने निर्णय लिया है कि 14 फरवरी तक संगम स्टेशन को बंद कर दिया जाएगा। वरिष्ठ मंडलीय वाणिज्यिक प्रबंधक (उत्तर रेलवे), लखनऊ, कुलदीप तिवारी ने कहा कि अत्यधिक भीड़ के कारण यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने में परेशानी हो रही थी, इसलिए यह कदम उठाया गया है। वहीं, उत्तर मध्य रेलवे ने मेला के दौरान आने वाली भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज जंक्शन पर अग्रिम आदेश तक एकल दिशा में आवागमन की व्यवस्था लागू कर दी है।

वहीं इसके अलावा, मेला क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था में सुधार किया गया है। मेला क्षेत्र के नजदीकी पार्किंग की क्षमता 4 से 5 हजार वाहन रखने की है, जबकि दूर की पार्किंग जैसे आईईआरटी और बघाड़ा में 20 से 25 हजार वाहन खड़े हो सकते हैं। इस प्रकार की व्यवस्थाओं से प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जाम की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।

आने वाली चुनौती और प्रशासन की तैयारियां

प्रशासन द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार, संगम के आसपास के रास्तों पर स्थित पार्किंग क्षेत्रों में गाड़ियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ने के कारण जाम की स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसके अलावा, पेट्रोल और गैस की आपूर्ति में भी संकट उत्पन्न हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे 15 फरवरी के बाद ही महाकुंभ क्षेत्र में यात्रा करें, ताकि जाम की स्थिति से बचा जा सके।

यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचने के साथ-साथ सड़क और रेलवे मार्गों पर यातायात जाम और भीड़ की समस्या पैदा कर रहे हैं। बावजूद इसके, प्रशासन की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, ताकि वे अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकें और महाकुंभ के इस पवित्र अवसर का लाभ उठा सकें।

श्रद्धालुओं की कठिनाइयाँ और प्रशासन के प्रयास

वहीं रायबरेली से आए एक श्रद्धालु ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वह लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग पर फाफामऊ से पहले पांच घंटे जाम में फंसे रहे, और बाद में उन्हें पैदल ही संगम घाट की ओर जाना पड़ा। प्रशासन ने व्यवस्था में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त प्रबंधों की आवश्यकता होगी।

महाकुंभ 2025 तक के आयोजन के लिए प्रशासन ने हर पहलू पर गौर किया है, ताकि श्रद्धालुओं को हर संभव मदद मिल सके और उनका धार्मिक अनुभव बाधित न हो।

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