
मध्य प्रदेश : भोपाल के मोतीनगर बस्ती में रविवार को प्रशासन ने एक बड़ा बुलडोजर अभियान चलाया, जिसमें 110 दुकानों को गिरा दिया गया। प्रशासन ने सुबह 5 बजे ही बस्ती में पहुंचकर पूरे क्षेत्र को सील कर दिया और एक किलोमीटर तक बैरिकेडिंग की, ताकि कोई अंदर न आ सके।
इसके बाद दुकानों पर बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रशासन ने पहले ही लोगों को चेतावनी दी थी कि वे अपना सामान हटा लें। कांग्रेस ने इस कार्रवाई का विरोध किया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि बस्ती के 384 मकानों को भी गिराया जाएगा।
इस कार्रवाई को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। लगभग 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इसमें 10 जेसीबी, 2 पोकलेन, 25 डंपर, 10 ट्रैक्टर ट्राली और 50 लोडिंग गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। सुभाषनगर ब्रिज को भी बंद कर दिया गया, ताकि कोई प्रदर्शनकारियों के रूप में इकट्ठा न हो सके। मीडिया को भी इस क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी गई।
कांग्रेस ने इस बुलडोजर अभियान का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बस्ती को खाली न करने की अपील की थी, लेकिन प्रशासन ने अपना निर्णय बदलने से इनकार कर दिया।
कार्रवाई के दौरान संभावित हंगामे को देखते हुए पुलिस ने मनोज शुक्ला को उनके घर में नजरबंद कर दिया। कांग्रेस का आरोप है कि यह गरीबों के साथ अन्याय है, और 40 साल पुरानी मार्केट की दुकानों को इस तरह से ढहाना गलत है, इससे लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि बुलडोजर कार्रवाई का अगला चरण और भी व्यापक होगा, जिसमें बस्ती के 384 मकानों को गिराया जाएगा। ये सभी मकान रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से बने थे।
प्रशासन ने 6 फरवरी को ही लोगों को सूचित किया था कि वे अपने घर खाली कर दें, कई लोगों ने अपनी इच्छानुसार सामान हटा लिया था, लेकिन कुछ लोग अब भी वहां मौजूद हैं। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यदि इन लोगों का सामान नष्ट होता है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं होगी।
सुभाषनगर ब्रिज को पूरी तरह से सील कर दिया गया था, क्योंकि प्रशासन को डर था कि यहां से प्रदर्शनकारी उपद्रव कर सकते हैं। दोनों छोर पर पुलिस तैनात की गई और आसपास की गलियों और सड़कों को भी बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया गया। मोतीनगर बस्ती की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
प्रशासन के अनुसार, सुभाषनगर ब्रिज की तीसरी लेन बनाने और रेलवे ट्रैक के विस्तार की योजना है। इसी वजह से अतिक्रमण हटाया जा रहा है, और रेलवे ने इस क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त करने का निर्देश दिया था।