
आज यानी 8 फरवरी की सुबह 8 बजे से दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों की मतगणना शुरू हो चुकी है, और जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्ली में सरकार किस पार्टी की बनेगी — आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, या कांग्रेस। आप को बताते हैं कि चुनावों में मतगणना की प्रक्रिया कैसे होती है, बैलेट पेपर और EVM से लेकर कैसे प्रत्याशी का विजेता घोषित किया जाता है।
मतगणना की प्रक्रिया की शुरुआत
मतदान समाप्त होने के बाद, EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और VVPAT (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) को सील करके सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है, जिसे स्ट्रांग रूम कहा जाता है। इसके बाद, मतगणना के दिन, इन्हें मतगणना केंद्र पर लाया जाता है। हर मतदान केंद्र के लिए एक विशेष मतगणना केंद्र निर्धारित होता है, जहां सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होती है।
इस दिन, केवल अधिकृत लोग ही काउंटिंग केंद्र में उपस्थित हो सकते हैं, जैसे कि मतगणना कर्मी, सुपरवाइजर और उम्मीदवारों के एजेंट।
मतगणना की प्रक्रिया
मतगणना केंद्र पर EVM को लाकर, उसे एक टेबल पर रखा जाता है और हर मशीन को एक सीरियल नंबर के आधार पर सेट किया जाता है। इस प्रक्रिया का संचालन रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव पर्यवेक्षक की निगरानी में होता है।
पहले, इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट्स और पोस्टल बैलेट्स की गिनती की जाती है। इसके बाद, EVM से पड़े वोटों की गिनती की जाती है। EVM में रिजल्ट बटन दबाने पर स्क्रीन पर सभी उम्मीदवारों को मिले वोटों का आंकड़ा दिखाई देता है।
मतगणना के दौरान, हर राउंड में कई बूथों की EVMs की गिनती की जाती है और डाटा दर्ज किया जाता है। कुछ मशीनों का मिलान VVPAT से किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि EVM द्वारा दिखाए गए परिणाम सही हैं।
विजेता का ऐलान
जब सभी राउंड की गिनती पूरी हो जाती है, तो चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर विजेता उम्मीदवार की घोषणा करता है। इसके बाद, विजेता को ‘निर्वाचन प्रमाण पत्र’ (Certificate of Election) प्रदान किया जाता है।
इसके अलावा, मतगणना के दौरान, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े निरंतर अपडेट होते रहते हैं, जिससे जनता को ताजातरीन जानकारी मिलती रहती है।
इस प्रकार, यह पूरी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि चुनाव निष्पक्ष और सही तरीके से संपन्न हो।