महाकुंभ में शुक्रवार को एक बार फिर से आग लगने की घटना सामने आई। सेक्टर-18 शंकराचार्य मार्ग पर आग लगने से कई टेंट जल गए। मौके पर दमकल की गाड़ियां मौजूद हैं जो आग को बुझाने का प्रयास कर रही हैं।
आग लगने की यह इस तरह की तीसरी घटना बताई जा रही है। फायर ब्रिगेड आग बुझाने में जुटा हुआ है। अभी आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि यह आग सेक्टर-18 के शंकराचार्य मार्ग पर स्थित एक आश्रम में लगी है।
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 18 के शंकराचार्य मार्ग स्थित हरिहरानंद शिविर में ये भीषण आग लगी है। फिलहाल आग को काबू में करने की कोशिश जारी हैं। जनहानि की कोई खबर अभी तक सामने नहीं आई है। लेकिन शिविर में रखा सामान खाक हो गया है।
खाक चौक थाना के प्रभारी निरीक्षक योगेश चतुर्वेदी ने बताया कि ओल्ड जीटी रोड पर तुलसी चौराहे के पास एक शिविर में आग लग गई। हालांकि, फायर फाइटर्स आग बुझाने में लगे हैं और काफी हद तक उस पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने बताया कि मौके पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी पहुंच गए हैं। पुलिसकर्मी भी लाउडस्पीकर से आग पर काबू पाने की घोषणा कर रहे हैं। सभी श्रद्धालु सुरक्षित स्थान पर एकत्रित हो गए हैं।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आग इस्कॉन क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, जिससे 20 से 22 टेंट जल गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। दमकलकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर आग को फैलने से रोक लिया। घटना की जानकारी मिलते ही उत्तरी झूंसी के जोनल पुलिस ऑफिसर, एडिशनल एसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, स्थानीय पुलिस और मेला मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया गया डिप्लॉय
महाकुम्भ में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए इस बार योगी सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4,300 फायर हाइड्रेंट तैनात किए गए हैं। महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए योगी सरकार ने विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया गया है। इतना ही नहीं अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन और 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर को डिप्लॉय किया गया है। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया गया है। यहीं नहीं, मेले की शुरुआत से पूर्व एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया, जिसका हादसे को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।