![](https://bhaskardigital.com/wp-content/uploads/2025/02/rbi.png)
Seema Pal
शुक्रवार को संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों की जानकारी दी। जिसमें आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी कर दी गई है। इस तरह अब रेपो रेट 6.2% से घटकर 6.25 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा आरबीआई ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.7 प्रतिशत रखा है, और वर्तमान वित्त वर्ष में यह 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
संजय मल्होत्रा ने बताया कि खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2024-25 में यह 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। ये निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनसे निवेशकों और उपभोक्ताओं को आर्थिक परिस्थितियों का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।
बता दें कि आरबीआई के द्वारा रेपो रेट में 0.25% की कटौती करने के बाद अब मिडिल क्लास के लोगों को काफी फायदे मिलेंगे। जिसमें सस्ते होम लोन शामिल हैं।
रेपो रेट घटने से मिडिल क्लास को मिलेंगे ये लाभ
- रेपो रेट में कमी के साथ, बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें भी घटेंगी। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आएगी, जिससे मिडिल क्लास परिवारों का मासिक वित्तीय बोझ हल्का होगा।
- रेपो रेट में कटौती से बाजार में तरलता बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता खर्च और निवेश में वृद्धि होगी। यह आर्थिक विकास को गति देगा, जिससे मिडिल क्लास को रोजगार और आय के नए अवसर मिलेंगे।
- रेपो रेट में कमी से महंगाई दर पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता आएगी और मिडिल क्लास परिवारों की खरीदारी क्षमता बनी रहेगी।
रेपो रेट में कमी आने पर क्या कहते हैं आर्थिक विशेषज्ञ
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने और मिडिल क्लास को राहत प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। हालांकि, महंगाई दर और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर भी नजर रखना आवश्यक होगा।
RBI की रेपो रेट में 0.25% की कटौती से मिडिल क्लास को सस्ते लोन, कम ईएमआई, और आर्थिक प्रोत्साहन के रूप में महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। यह कदम उनकी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक होगा।