Parliament Session : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज राज्यसभा में 104 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजे जाने के मामले पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई है, और हर साल अवैध प्रवासियों को भारत वापस भेजा जाता है।
विदेश मंत्री ने बताया कि ये अवैध प्रवासी वहां अमानवीय परिस्थितियों में फंसे हुए थे, और उन्हें वापस भेजना जरूरी था। उन्होंने यह भी कहा कि डिपोर्टेशन कोई नई प्रक्रिया नहीं है, और 2009 से यह निरंतर हो रहा है। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि 2012 से यह प्रक्रिया लागू है, और यह पहली बार नहीं हो रहा है।
विपक्षी सांसदों ने इस मामले पर संसद में हंगामा किया और विदेश मंत्री से जवाब मांगा। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस पर आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि “अगर राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी अच्छे दोस्त हैं, तो प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या हम उन्हें वापस लाने के लिए अपना विमान नहीं भेज सकते थे? क्या इंसानियत के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है?” उन्होंने इस मामले पर विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री से जवाब देने की मांग की।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “इन व्यक्तियों को निर्वासित करने का कानूनी अधिकार अमेरिका को था, लेकिन जिस तरीके से उन्हें सैन्य विमान में हथकड़ी लगाकर भेजा गया, वह भारत का अपमान है और भारतीयों की गरिमा का उल्लंघन है।”