कुछ तो गड़बड़ जरूर है हुजूर : चेयरमैन साहिबा के पति ने दबाव बना सरकारी अभिलेखों मे कर दिया खेला

  • सीओ की जाँच में कौन-कौन जायेगा जेल तैयार हो रहा खाका
  • शासन/प्रशासन को पता नही ?
  • कमाल है चेयरमैन बनी गवाह तो पति ने जलमग्न पर बने मकान को कर दिया बैनामा

जरवल/बहराइच। सवाल ये नही कि जरवल की चेयरमैन साहिबा के पति ने कस्बे की जलमग्न पर बने मकान का बैनामा का बैनामा कैसे कर दिया आखिर बैनामा में क्या बतौर गवाह भी खुद चेयरमैन साहिबा ही थी ? क्या नगर पंचायत में कूटरचित दस्तावेज की जानकारी यहाँ की ईओ को नही हो पाई क्या ईओ ने शासन प्रशासन को उक्त प्रकरण की जानकारी दी भी या नही ? वैसे मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बीते वर्ष बुलडोजर की कार्यवाही में गिरा दिया गया था चेयरमैन समेत उसके पति पर जरवल रोड थाने में इसका गम्भीर मामलों में मुकदमा भी पंजीकृत है जिसकी जांच सीओ कर रहे हैं जिसमे कई लोगो की गर्दन नापी जा सकती है।

सूत्रों का कहना है कि अरशद आलम पुत्र वसी अंसारी निवासी मोहल्ला चौक नगर पंचायत जरवल ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर कस्बे के मोहल्ला अहमदशाह नगर में स्थित गाटा संख्या 589 जलमग्न भूमि पर चेयरमैन के पति ने इतंजार अहमद मिथुन पुत्र तफज्जुल निवासी मोहल्ला अहमद शाहनगर के द्वारा आयशा खातून पुत्री वारिश अली को जलमग्न भूमि पर बना हुआ मकान बैनामा कर दिया बैनामा वो मकान कार्यालय नगर पंचायत जरवल के कर निर्धारण पंजिका में अंकित नहीं था जब इतंजार अहमद मिथुन की पत्नी तस्लीम बानो नगर पंचायत जरवल की अध्यक्ष बनी तो उसी का फायदा उठा कर बैक डेट में दिनांक 03/11/2017 को नगर पंचायत जरवल में फायदा उठाकर अध्यक्ष तस्लीम बानो ने कर निर्धारण पंजिका में मकान को दर्ज करवाया गया।

सूत्रों की माने तो अगर इनका मकान पूर्व से दर्ज होता तो घर की नकल वर्ष 2017 से पहले की ज़रूर होती और गृहकर जमा करने वाली रसीद ही होती मगर इनके पास जो भी नकल है वो वर्ष 2017 के बाद की ही है जबकि नगर पंचायत जरवल में वर्ष 1986-87 से टैक्स लागू हुआ और सभी मकानों को दर्ज किया गया था। सूत्र बता रहे हैं कि मिथुन अपनी बीवी के पद का भरपूर फायदा उठाकर सरकारी जलमग्न भूमि को बेच दिया।सूत्रों की माने तो नगर पंचायत जरवल के कर निर्धारण पंजिका में अपना नाम भी कूटरचित कर तैयार किए गए दस्तावेज से दर्ज करवा लिया। जिसकी जाँच अब सीओ कैसरगंज को मिली हैं।

रवि खोखर, सी. ओ. कैसरगंज –

“उक्त प्रकरण की जाँच हमे पुलिस अधीक्षक ने दी है पूरी तरह से पारदर्शीता रखी जायेगी यदि आपको इस प्रकरण में जानकारी हो तो जरूर हमसे मिले फोन पर सारी बाते नही हो सकती”

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