हरिद्वार। गंगा की रक्षा के लिए मातृ सदन में साध्वी पद्मावती पिछले 23 दिनों से अनशन पर बैठी हैं, लेकिन शासन-प्रशासन साध्वी पद्मावती की सुध लेने को तैयार नहीं है। देश भर के पर्यावरण प्रेमी और गंगा प्रेमियों ने साध्वी के अनशन को लेकर जरूर चिंता व्यक्त की है।
इसी को लेकर मातृ सदन में देश के 15 राज्यों और गंगा बेसिन के 11 राज्यों से आये करीब 150 लोगों ने गंगा पर्यावरण सम्मेलन किया। इस सम्मेलन में पांच प्रस्ताव पारित करते हुए साध्वी पद्मावती के अनशन का समर्थन किया गया।
मातृ सदन में हुए गंगा पर्यावरण सम्मेलन के बारे में बताते हुए जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि हरिद्वार में दो दिन के इस सम्मेलन में गंगा को लेकर प्रस्ताव पास किये गए, जिसमें गंगा और पर्यावरण को लेकर विशेष चर्चा की गई। उन्होंने स्वीडन का उदाहरण देते हुए कहा कि स्वीडन ने अपनी एक छोटी सी शुरुआत को पूरी दुनिया में इतना प्रचारित किया कि मानों बस वही पर्यावरण की चिंता करते हैं। उन्होंने साध्वी पद्मावती का समर्थन करते हुए कहा कि वे गंगा की महत्ता को समझती हैं इसलिए वे ऐसा कर रही हैं।
जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि हम देशभर में साध्वी पद्मावती के लिए अनुकूल वातावरण बनाएंगे। न्यायपालिका, राजनीतिक दल, शिक्षा विभाग सभी का गंगा के प्रति जो दायित्व है, उसे याद दिलाया जाना बहुत जरूरी है। स्वामी सानंद के गंगा बलिदान को सरकार को समझाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा को लेकर देश में आंदोलन चलाया जाना चाहिए।
इस दौरान मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि इतने बलिदानों के बाद भी केंद्र सरकार गंगा के लिए कुछ नहीं कर रही है।
आने वाले दिनों में भी गंगा को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। साध्वी पद्मावती को समर्थन देने के लिए गंगा और पर्यावरण प्रेमी यहां पहुंचे हैं। हम सब एक नई ऊर्जा के साथ गंगा के लिए आंदोलित होंगे।
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