महराजगंज । निचलौल कस्बे में नो हेलमेट नो फ्यूल अभियान की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अभियान के बैनर के साथ हेलमेट रख दिया गया है। हेलमेट पहनकर तेल लेकर लोग रवाना हो जा रहे हैं।
केस एक –
निचलौल कस्बे में तहसील के निकट पेट्रोल पंप पर नो हेलमेट नो फ्यूल का बैनर तो लगा है। साथ ही एक हेलमेट भी रखा हुआ है, जिनके पास हेलमेट नहीं है, वह हेलमेट लगाकर पंप से ईंधन लेते हैं और फिर वहीं हेलमेट रखकर निकल जा रहे हैं। पंप कर्मियों से इस बारे में पूछा गया तो बताया कि हेलमेट मालिक ने रखवाया है।
केस दो –
निचलौल कस्बे में ही थाना रोड़ स्थित पेट्रोल पंपों पर आसानी से बिना हेलमेट के तेल दोपहिया वाहन सवार ले रहे हैं। दोपहर में एक वाइक सवार ने मजाकिया लहजे में उसी पंप के कर्मियों से पूछा कि का हो, तू लोग नियम फॉलो ना करत हउआ… तभी एक पंप कर्मी ने कहा कि का करी, जेकरे पास ना हौव, उनसे मार करीं… अइसही तेल दियाई। हमार कुछ नाही होई.. बहुत पहुंच बा।
ये दो केस महज एक बानगी भर है। नो हेलमेट नो फ्यूल का नियम 26 जनवरी से लागू है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। सोमवार को दैनिक भास्कर निचलौल संवाददाता ने पड़ताल में ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन सवारों को पेट्रोल दिया गया।
कहीं कोई रोक टोक पंप कर्मियों की ओर से नहीं की गई। तेल कंपनियों और परिवहन विभाग की चुप्पी से नियम-कायदे सब धुआं-धुआं है। निचलौल कस्बे से लेकर देहात तक के पंप डीलरों के अनुसार कुछ दिन तक सख्ती की गई लेकिन लोगों ने इसका विरोध किया। बिना हेलमेट के पंप पर पहुंच जाते हैं और जबरन तेल लेने का दबाव बनाते हैं। नोकझोंक से बचने के लिए पंप कर्मी भी तेल दे देते हैं। फिर भी अधिकतर पंपों पर इसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
कार्रवाई शून्य –
नियम को लागू हुए एक सप्ताह से अधिक हो गए लेकिन एक भी पंप पर बिना हेलमेट तेल नहीं देने की कवायद नहीं शुरू हुई।