लोकसभा में सोमवार को ‘ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आनंद’ (आईआरएमए) को एक विश्वविद्यालय के तौर पर स्थापित करने से जुड़ा विधेयक पेश किया गया। इस विश्वविद्यालय को ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय’ के तौर पर जाना जाएगा।
केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज लोकसभा में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, विधेयक-2025’ विचार के लिए पेश किया। विधेयक से संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्राप्त होगा। विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र में तकनीकी और प्रबंधन से जुड़ी शिक्षा पर केंद्रित होगा। इसका उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में शोध और विकास, वैश्विक उत्कृष्टता और सहकारी आंदोलन को मजबूती प्रदान करना है। यह सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन का हिस्सा है।