मौनी अमावस्या की रात को संगम नोज पर हुई भगदड़ में श्रद्धालु हताहत हुए। संगम नोज की घटना के बाद से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर इस घटना से जुड़ी न्यूज, वीडियो और जानकारियाें की बाढ़ आयी हुयी है। घटना के बाद ऐसा लग रहा था कि मेले में भीड़ कम हो जायेगी। लेकिन जैसे-जैसे वसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान का दिन निकट आ रहा है। मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से गुलजार हो चुका है। मेले में आये श्रद्धालुओं का कहना है कि जो घटना घटी वो दुखद है। लेकिन महाकुम्भ को लेकर जो निगेटिव खबरें फैलाई जा रही हैं, वो बहुत ही गलत है।
यमुनानगर हरियाणा से महाकुम्भ में आये प्रमोद बक्शी ने बताया कि, ‘29 जनवरी को हुये हादसे के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो खूब प्रसारित हो रहे हैं कि मेले में प्रबंध नाम की चीज ही नहीं है। सैकड़ों श्रद्धालु मारे गये हैं। हमने भी इसके बाद आने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया था। लेकिन हमारे कुछ लोग यहां थे, उनसे बातचीत करके कार्यक्रम बनाया।’ वो कहते हैं, इतने बड़े आयोजन में कुछ न कुछ अव्यवस्था हो जाती है। लेकिन यहां आकर मन प्रसन्न हो गया।’ वो कहते हैं, ‘सरकार को सोशल मीडिया पर चल रही निगेटिव खबरों पर रोक लगानी चाहिये, और ऐसे लोगों को दण्डित करना चाहिये।’
सिक्कम गंगटोक से महाकुम्भ में आयी सुधा बिस्ता ने कहा कि, ‘मैं 29 जनवरी को ही कुम्भ में आयी हूं। मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही हादसे की जानकारी हुई। लेकिन सोशल मीडिया पर जितनी नेगटिव खबरें आई, सत्य उससे अलग था।’ वो कहती हैं, ‘हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिये इस तरह की खबरें और सूचनाएं प्रसारित हो रही हैं। प्रशासन को ऐसे प्रबंध करने चाहिये कि आने वाले स्नान में कोई घटना न घटे।’
पानीपत हरियाणा के कृष्ण कुमार अपने परिवार के 15 सदस्यों के साथ महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने आये हैं। कृष्ण कुमार कहते हैं, घटना के बाद हमारे मन में थोड़ा डर था, क्योंकि सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें आ रही थी कि मेले में बड़ी अव्यवस्था है। लेकिन हम लोगों ने फैसला किया कि मेले में जाएंगे।’ वो कहते हैं, लगता है षडयंत्रपूर्वक सनातन के सबसे बड़े समागम को बदनाम किया जा रहा है। सरकार को ऐसी खबरों पर लगाम लगाने के लिये ठोस कदम उठाने चाहिये।’ वो कहते हैं कि, श्रद्धालुओं को भी संयम बरतना चाहिये और पुलिसकर्मियों के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिये।
पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले से परिवार सहित कुम्भ मेले में आये मंतोष सरकार कहते हैं, घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहुत नेगेटिविटी फैलायी जा रही है। हिन्दू धर्म के सबसे बड़े मेले को बदनाम किया जा रहा है। वो कहते हैं, मौनी अमावस्या के दिन घटी घटना के पीछे भी कोई षडयंत्र हो सकता है।
दमन दीव से महाकुम्भ में आये दलीप चौधरी कहते हैं, घटना के बाद ऐसी बहुत सी खबरें सोशल मीडिया पर आयीं कि जिससे ऐसा लगा कि कुम्भ मेले में व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नहीं है। लेकिन यहां आकर सब कुछ अपनी आंख से देख रहे हैं। वो कहते हैं, मेला प्रशासन को अगले आयोजनों के लिये विशेष सर्तकता बरतनी चाहिये। जिससे कोई दुखद हादसा पेश न आये।
ओडिशा से महाकुम्भ आये दयानन्द साहू ने बताया कि, सोशल मीडिया पर भगदड़ की घटना के बाद निगेटिव खबरें चल रही हैं। ऐसा लग रहा है जैसे सनातन परंपरा के सबसे बड़े आयोजन कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा। सरकार को ऐसे लोगों पर एक्शन लेना चाहिये जो निगेटिव खबरें फैला रहे हैं। वो कहते हैं, विश्व के सबसे बड़े मेले में थोड़ी बहुत अव्यवस्था हो जाती है। प्रशासन काे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।