महाराष्ट्र के पुणे में स्थित वाईसीएम अस्पताल में बीती रात गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से पीड़ित 36 वर्षीय व्यक्ति पिंपल गुरव की मौत हो गई। सूबे में अब तक जीबीएस से तीन मरीजों की मौत हो चुकी है और 130 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इनमें से 20 मरीज अभी भी विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटर पर हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जीबीएस मरीजों का प्राथमिकता से इलाज करने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार पिंपल गुरव पिंपरी चिंचवड़ा क्षेत्र के निवासी थे। उन्हें 21 जनवरी को नगर निगम के वाईसीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के लिए आने के बाद से ही वह वेंटिलेटर पर थे। पिछले आठ दिनों से डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन बीती रात उन्होंने अंतिम सांस ली। शहर में अब तक दर्ज किए गए 13 जीबीएस मामलों में से यह पहली मौत है। इससे पहले पुणे शहर में जीबीएस से दो पीड़ितों की मौत हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ सहित राज्य में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के रोगियों की संख्या 130 तक पहुंच गई है। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के परीक्षणों में पानी में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया नहीं पाया गया है। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान अब आनुवंशिक अनुक्रमण के माध्यम से इस जीवाणु की प्रकृति का विश्लेषण करेगा। इससे प्रकोप के कारणों का पता चल सकेगा। यह जीवाणु कम से कम पांच रोगियों के मल के नमूनों में पाया गया। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) अब इस रहस्य को सुलझाने के अन्य तरीकों पर विचार कर रहा है।