28 January : एक ही दिन में चार बड़े सड़क हादसे, कहीं पलटी बस तो कहीं… आखिर कौन जिम्मेदार!

Seema Pal

Road Accident : सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन चुकी है। खास कर सड़कों पर बस हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। सड़क हादसे के कारण कई हो सकते हैं जैसे सड़क की खराब हालत, तेज़ गति से गाड़ी चलाना, लापरवाही, और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन। आज मंगलवार को एक ही दिन में चार बड़े सड़क हादसे हो गए। इन हादसों में कई लोगों की जान चली गई। कहीं यात्रियों को ले जा रही बस पलट गई तो कहीं वाहन की ट्रक से टक्कर हो गई। इनमें मध्य प्रदेश और रायबरेली का सड़क हादसा बड़ा था। इन हादसों में कई मौतें और कई लोग घायल हुए हैं। जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

आइए अब इन हादसों पर एक नजर डालते हैं…

रायबरेली में सड़क हादसा – चार श्रद्धालुओं की मौत

रायबरेली में भीषण हादसे में महाकुम्भ में गंगा स्नान के लिए जा रहे चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई,जबकि पांच घायल हो गए हैं। हादसा मंगलवार सुबह हुआ,जब श्रद्धालुओं की कार को सामने से आ रहे ट्रैक्टर से टकरा गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया है। घायलों का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। घटना के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार है।

देवरिया में सड़क हादसा – चार लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हेतिमपुर पुल थाना महुआडीह क्षेत्र में चार बाइक सवार लड़के जिनकी एक ट्रक से टक्कर हो गई। उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस सूचना पर हमारे थाने की टीम और अन्य अधिकारियों द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है।

बांसवाड़ा में सड़क हादसा – 22 लोग घायल

मध्य प्रदेश के बांसवाड़ा : दानपुर थाना इलाके के कुटुंबी गांव में मध्यप्रदेश से डूंगरपुर के एक जैन मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की बस पलट गई। बस में 25 लोग थे, इनमें से 22 घायल हो गए। एक महिला को गंभीर हालत में उदयपुर रेफर किया गया। दानपुर थाना अधिकारी राजवीर सिंह ने बताया कि टू बाई टू सीट वाली बस में 25 लोग थे। घायलों ने बताया कि कुटुंबी गांव के पास से गुजरने के दौरान अचानक एक जानवर बस के सामने आ गया। बस बेकाबू होकर सड़क से नीचे उतरकर कच्चे वाले भाग में जाकर पलट गई। 22 घायलों की स्थिति सामान्य है।

उदयपुर में सड़क हादसा – 8 यात्री घायल

राजस्थान के उदयपुर : खेरवाड़ा मुख्य कस्बे में नेशनल हाईवे-48 पर मंगलवार अलसुबह एक निजी स्लीपर कोच बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इससे बस में सवार करीब आठ यात्री घायल हो गए। जिन्हें खेरवाड़ा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हादसे में बस की विंडस्क्रीन टूट गई और बॉडी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस के अनुसार हादसा कस्बे में बीओबी बैंक के सामने हाईवे का है।

सड़क पर बस हादसों को कैसे रोकें

सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना और सरकार द्वारा सही कदम उठाना जरूरी है, ताकि इन हादसों को रोका जा सके और लोगों की जान की सुरक्षा की जा सके। सड़क पर बस हादसों को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जिनका उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना, दुर्घटनाओं को कम करना और यात्रियों की जान बचाना है। ये कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है…

1. सख्त यातायात नियम और उनकी पालना

  • सख्त निरीक्षण और निगरानी: बसों की फिटनेस और चालक की योग्यता का नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए। अगर कोई बस तकनीकी रूप से असुरक्षित है या चालक की ट्रेनिंग अपर्याप्त है, तो उसे सड़कों पर चलने से रोका जाए।
  • सीट बेल्ट और सुरक्षा उपाय: बसों में सभी सीटों पर सीट बेल्ट का प्रावधान किया जाए, ताकि दुर्घटना होने पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • स्पीड लिमिट और ड्राइविंग नियम: बस चालक को निर्धारित गति सीमा से अधिक गति से नहीं चलने दिया जाए और उन्हें तेज़ी से गाड़ी चलाने की प्रवृत्ति से बचने के लिए प्रेरित किया जाए।

2. चालकों की प्रशिक्षण और जागरूकता

  • अच्छा प्रशिक्षण: बस चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग तकनीकों, आपातकालीन स्थिति में क्या करना चाहिए, और यातायात नियमों की सही जानकारी दी जाए।
  • मानसिक स्वास्थ्य की जांच: चालक का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य नियमित रूप से चेक किया जाए, ताकि वह ड्राइविंग के लिए फिट रहे। शराब या ड्रग्स का सेवन करने वाले चालकों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
  • अवधि की निगरानी: लंबी ड्राइविंग शिफ्ट्स से चालक को थकावट हो सकती है, इसलिए उन्हें नियमित आराम देने के लिए शिफ्ट्स को सीमित किया जाए।

3. इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोड डिज़ाइन

  • सड़क की स्थिति में सुधार: सड़क की सतह को अच्छी तरह से बनाए रखना, सड़कों पर गड्ढों और अन्य खतरनाक जगहों को ठीक करना, और रास्तों के किनारे पर साफ़-सुथरी और सुरक्षित जगहें बनाना ज़रूरी है।
  • सिग्नल और संकेतों की व्यवस्था: प्रमुख रास्तों पर ट्रैफिक सिग्नल, राउंड अबाउट्स, और उचित साइनबोर्ड्स लगाने से बसों और अन्य वाहनों की गति और दिशा नियंत्रित की जा सकती है।
  • विभाजन और लेन: भारी वाहनों को अलग लेन में चलने की व्यवस्था करना और बसों के लिए विशिष्ट लेन बनाना, ताकि यातायात अधिक सुव्यवस्थित हो।

4. स्मार्ट तकनीक का उपयोग

  • GPS और ट्रैकिंग सिस्टम: बसों में GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाकर उनके मार्ग, गति, और स्टॉप पर निगरानी रखी जा सकती है। यह दुर्घटनाओं को रोकने और आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान करने में मदद कर सकता है।
  • स्वचालित सुरक्षा तकनीक: बसों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP) और ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम्स जैसी आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का उपयोग किया जाए।

5. यात्रियों की जागरूकता और जिम्मेदारी

  • यात्रियों के लिए सुरक्षा उपाय: बसों में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा करने की ट्रेनिंग दी जाए, जैसे कि चलती बस से बाहर न कूदना, बस के दरवाजों को समय पर बंद करना, और आपातकालीन परिस्थितियों में क्या करना चाहिए।
  • अनुशासन की भावना: यात्रियों को बस के भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि चालक को किसी प्रकार का विक्षेप न हो।

6. समय पर राहत और मदद की व्यवस्था

  • आपातकालीन सेवाओं का त्वरित रिस्पांस: दुर्घटना होने पर त्वरित बचाव और एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए हर बस रूट पर आपातकालीन सेवाओं का संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से दिखाना चाहिए।
  • समय-समय पर बसों की मरम्मत और रख-रखाव: बसों की मरम्मत नियमित अंतराल पर होनी चाहिए, ताकि किसी भी तकनीकी कारण से दुर्घटना न हो।

इन उपायों को सही तरीके से लागू करने से सड़क पर बस हादसों को कम किया जा सकता है, और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। सड़क सुरक्षा केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि समाज और यात्री दोनों के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।

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