मिल्कीपुर : र्दिग्गजों की साख और धाख का उपचुनाव


योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी और प्रत्याशियों से ज्यादा दो सूरमाओं की प्रतिष्ठïा दांव है। नवंबर में हुए नौ सीटों पर हुए उपचुनावों की अपेक्षा मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। लोकसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार की भरपाई सत्तारूढ़ भाजपा ने कुछ हदतक विधानसभा की नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में पूरी की। रही-सही कसर पर वह मिल्कीपुर सीट जीतकर कर लेना चाहती है। मिल्कीपुर सीट इसलिए भी भाजपा के लिए खासी महत्वपूर्ण है क्योकि अयोध्या में राममंदिर निर्माण होने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में वहां सपा को मिली जीत ने लखनऊ से दिल्ली तक भाजपा को असहज कर दिया। अयोध्या जहां भाजपा का वर्चस्व माना जाता है वहां पर सपा ने जीत दर्ज कराकर लोगों के इस मिथक को तोड़ा है कि भाजपा को मिली अब तक की जीत में हिन्दुत्व व मंदिर मुद्दा अहमं है। कुंदरकी की जीत के बाद अब भाजपा का पूरा फोकस मिल्कीपुर विधानसभा सीट हो लेकर है। 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां से सपा के अवधेश प्रसाद निर्वाचित हुए थे तब उन्होंने भाजपा को शिकस्त दी थी। इस बार सपा ने यहां अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा पहले हो गयी थी भाजपा ने मकरसंक्रति के मौके पर चन्द्रभानु पासवान को उम्मीरवार बनाया है।

सपा और भाजपा दोनों ही दलों के प्रत्याशी पासी बिरादरी के है। कांग्रेस और बसपा यहां मैदान में नहीं है। सांसद चन्द्रशेखर की पाार्र्टी ने यहां सपा के पूर्व नेता सूरज चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट से भाजपा तीसरी बार जीत के लिए जोरआजमाश करेगी। इस उपचुनाव से पूर्व यहां भाकपा के अलावा सपा-बसपा भाजपा कांग्रेस सभी को मौका मिल चुका है। यहां पर सीपीआई और सपा चार-चार बार दो बार भाजपा और बसपा ने एक-एक बार और कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई है। 2007 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते आनंद सेन मायावती सरकार में राज्यमंत्री बने थे। परिसीमन के बाद  मिल्कीपुर अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो गयी तो सपा ने सोहावल विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद को यहां से मैदान में उतारा था। २०२२ में यहां से विधायक बने अवधेश प्रसाद को इसी सीट से 2017 के चुनाव में भाजपा के  गोरखनाथ चुनाव हारे। इस बार के उपचुनाव में सपा यहां पीडीए(पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) के फ ार्मूला अप्लाई करने जा रही है।

कुंदरकी की जीत कर भाजपा ने चौंकाया
पिछले नौ सीटों पर हुए उपचुनावों में सात सीटों भाजपा ने जीती थी। इन सात सीटों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम कुंदरकी का था। मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भाजपा ने यहां जीत ही नहीं दर्ज कराई बल्कि सपा उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई थी। कुंदरकी की जीत भाजपा के लिए अप्रत्याशित थी। कुंदरकी को सपा का गढ़ माना जाता था लेकिन इस मिथक को उपचुनाव में भाजपा ने झुठला दिया था। वहां पर भाजपा की जीत पर सपा के नेताओं ने भी सवाल उठाए थे कि क्षेत्र ६५ फीसदी मुस्लिम होने के बाद भाजपा को जीत कैसे मिली।

चुनाव प्रचार में जुटेगा सपा नेतृत्व
मिल्कीपुर सीट बचाने के साथ भाजपा की गढ़ रही अयोध्या में उसे एक बार फिर नीचा दिखाने की गरज से सपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उम्मीदवार अजीत प्रसाद की जीत सुनिश्चित कराने के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव,के अलावा शिवपाल यादव,सांसद डिपंल यादव,के अलावा सांसद जया बच्चन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित कई अन्य वरिष्ठï नेता प्रचार के लिए जायेंगे। यह पहला उपचुनाव होगा जहां सपा का हर छोटा बड़ा नेता अपने प्रत्याशी की जीत के लिए साईकिल दौड़ाएगा।

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