अब किसानों की बल्ले-बल्ले! दक्षिण हरियाणा के खेत में भी उगेंगे सेब व आलूबुखारा

गुरुग्राम : आमतौर पर सेब, नाशपाती और आलूबुखारे जैसे फलों की खेती अधिक ठंडे क्षेत्र में ही की जाती है। लेकिन अब हरियाणा के दक्षिण क्षेत्र में भी इन फलों को आसानी से उगाया जा सकेगा। कृषि संकाय एसजीटी विश्वविद्यालय ने आज दक्षिण हरियाणा में कम ठन्डे क्षेत्रों ( लो चिलिंग एरिया) में उगाई जानेवाली सेब, नाशपाती, आडू और आलूबुखारे की किस्मों की खेती की अहम पहल की है।

यह क्षेत्र, जो अब तक इन फलों की खेती के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता था, अब इन चुनिंदा किस्मों एवं कृषि प्रोद्यौगिकी के माध्यम से इन फसलों की उपज पाने का प्रयास किया गया जाएगा।
हरियाणा के गुरुग्राम क्षेत्र में परंपरागत फसलें जैसे गेहूं, सरसों एवं बाजरे की प्रमुख रूप से खेती की जाती है। आधुनिक युग में कृषि के विविधीकरण के तहत सेब, नाशपाती, आड़ू और आलूबुखारा जैसे लाभदायक फलों की खेती एसजीटी विश्वविद्यालय के गहन अनुसंधान पर आधारित का एक सराहनीय और संभावनाओं से भरपूर कदम है। विशेष तौर पर विकसित सम शीतोष्ण (लो चिलिंग) किस्मों का चयन इस परियोजना की सफलता में अहम भूमिका निभा सकता है।

गुरुग्राम की जलवायु इन किस्मों की उपज के प्राकृतिक रूप से पूरी तरह अनुकूल नहीं है इसलिए इस पहल को मूर्त रूप देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करना, फलों की खेती के लिए बदलते जलवायु परिप्रेक्ष्य में मिट्टी का आकलन करना, बाजार की मांग को देखते हुए अधिक मूल्य की फसलों को उगाना के प्रति जागरूकता लाना और खेती से जुड़ी चुनौतियों का प्रभावी समाधान एवं अनुसंधान सुनिश्चित करना आवश्यक है। यदि यह परियोजना सफल होती है, तो यह न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी, बल्कि क्षेत्रीय कृषि में विविधता लाकर गुरुग्राम की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।

कृषि संकाय की अध्यक्ष डॉ. पूजा पंत ने कहा कि यह पहल एसजीटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को इस क्षेत्र के लिए नए किस्मों और कृषि तकनीकों को अध्ययन करके नई पद्धति का विकास करने में मदद करेगी तथा अध्ययन के उपरान्त ज्ञान साझा कर उनकी आय बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगी।

शीतोष्ण उद्यान का उद्धघाटन डॉ. एसएस सिन्धु, पूर्व अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं डॉ. आर के रॉय, पूर्व प्रमुख बोटानिकल गार्डन व पुष्प विज्ञान, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा किया गया। इस अवसर पर एसजीटी विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव साहित्यिक, डॉ. हरदीप सिंह, पी० वी० सी० कृषि प्रभारी एवं अनुवांशिकी संकाय विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपम सिंह, विश्वविद्यालय एवं कृषि संकाय के अन्य प्रमुख शिक्षकगण एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।

शीतोष्ण ( लो चिलिंग) उद्यान का उद्धघाटन करते प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व चेयरमैन डॉ. एसएस सिन्धु एवं डॉ. आर के रॉय, पूर्व प्रमुख बोटैनिकल गार्डन व पुष्प विज्ञान, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ।

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