- पुलिस ने अभ्यर्थियों को निदेशालय से इको गार्डन धरना स्थल भेजा
लखनऊ। कई साल हो गए…गणतंत्र दिवस 2025 आ गया…न्याय दो…न्याय दो…..लोकतंत्र की लाज रखो..। 69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी कुछ इसी भाव के साथ खड़े हैं..डटे हैं…सतत लड़ रहे हैं । वो भी फुल लोकतांत्रिक तरीके से…बोले तो… गांधीगीरी मार्ग।
शनिवार को प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस प्रशासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाक़ात कराई… अधिकारी बड़े राजनीतिक हालात के सामने बड़े बेबस होते हैं….यह पता चला..फिर क्या था.. अभ्यर्थियों को इको गार्डन धरना स्थल भेज दिया गया।
वैसे अमरेंद्र पटेल के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने महानिदेशक को अपनी मांग को विस्तार से बताया..ज्ञापन सौंपा। माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के संबंध में अवगत कराया। ज्ञापन पढ़ने के बाद महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा ने अभ्यर्थियों को पहले तो गोलमोल जवाब दिया। फिर कहा कि आने वाली 11 फरवरी को विभाग अपनी तरफ़ से मामले को जल्द सुनवाई कराने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करेगा।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा वह पिछले चार साल से दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। सभी न्यायिक स्तर से उन्हें जीत मिली हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाई कोर्ट का ऑर्डर, सभी हमारे पक्ष में हैं। फिर भी हमारे साथ अन्याय किया जा रहा और हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है।
अमरेंद्र पटेल का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया था। यह मामला हाई कोर्ट में गया। इस पर लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार को तीन महीने के अंदर फैसले का पालन किए जाने का आदेश दिया। लेकिन सरकार की लापरवाही की वजह से अभी तक फैसले का पालन नहीं हो सका और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार अपना पक्ष रखने में देरी कर रही है जिसकी वजह से मामला लटकता चला जा रहा है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि आंदोलन के माध्यम से हम सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द सुनवाई कराये और मामले को निस्तारित करें। जिससे हम सभी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल सके।