- 2019 के कुंभ में प्रयागराज में मेट्रो चलाने का वादा था उसका कोई अता पता नहीं: उज्जवल रमण
लखनऊ । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अजय राय और प्रयागराज से कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं और साधु संतों के लिए इंतजामों में बरती जा रही उदासीनता और महाकुंभ की आधी अधूरी तैयारी पर सवाल खड़ा किया।
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने सरकार और अधिकारियों द्वारा साधु संतों और श्रद्धालुओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार और पूरा अधिकारी तंत्र सिर्फ वीआईपी लोगों की मेहमान नवाजी और फोटो खिंचवाने में लगा हुआ है।
जिस वजह से आम श्रद्धालु भारी असुविधा का सामना कर रहे हैं। प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सरकार द्वारा महाकुंभ के नाम पर आवंटित बजट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और महाकुंभ के बाद इसे तथ्यों और आंकड़ों के साथ उजागर करने की बात कही।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय एवं सांसद उज्जवल रमण सिंह के साथ प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से मीडिया वाइस चेयरमैन डॉ मनीष श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी , प्रियंका गुप्ता, सचिन रावत, सुधा मिश्रा एवं सेवादल के प्रदेश संगठन प्रमोद पांडे उपस्थित रहे ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा महाकुंभ के नाम पर बड़े स्तर की तैयारी का दावा करके सरकार सभी को भ्रमित करने का काम कर रही है, कैबिनेट बैठक पर सवाल करते हुए अजय राय ने कहा कि आस्था और अध्यात्म के पावन महासंगम स्थल पर कैबिनेट का ड्रामा कर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को इवेंट बना दिया है। महाकुंभ में व्यवस्था के नाम पर गुजराती कंपनियों को ठेका देकर सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है। महाकुंभ में कैबिनेट मीटिंग कर धार्मिक और आस्था के आयोजन में राजनैतिक संदेश दिया जा रहा है ।
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने सरकार को भ्रष्टाचार पर घेरते हुए कहा भ्रष्टाचार की नींव तो बहुत पहले से ही डाल दी गई थी जब 200 करोड़ के साल की जो पीपे के पुल बनाने में स्लीपर का काम करते हैं उसकी हमेशा सप्लाई राज्य सरकारों के वन विभागों करायी जाती थी, टेंडर गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट होता था, जो कि अबकी निजी कई फर्मों में अवैध एवं गैर कानूनी तरह से बांट दिया गया। जिसका नतीजा हुआ समय से स्लीपर की सप्लाई नहीं हो पाई और हुये भी वो रद्दी क्वालिटी के जिससें शुरुआत में बनते ही टूट गये।
उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि 2019 के कुंभ में भाजपा सरकार द्वारा कहा गया था कि कि महाकुंभ 2025 तक मेट्रो चलने लगेगी लेकिन मेट्रो का अता पता नहीं है। गंगा नदी पर छह लेन पुल कुम्भ से पहले बनकर तैयार हो जाएगा, यह घोषणा हुआ था पर वो भी अधूरा रह गया जिसका खामियाजा राजकीय कोष पर पड़ा जब 60 करोड़ से स्टील ब्रिज का निर्माण हुआ उसी स्थान पर सिर्फ 60 दिन के लिए इस नुकसान का जिम्मेदार कौन हैं और जबाब देही किसकी है ?
सांसद ने महाकुंभ की तैयारियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सड़क निर्माण भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया। हर कुम्भ में मोहल्लों की गली नाली तक बनती थीं इस बार तो मुख्य सड़क व चौराहे को भी नहीं छुआ गया , सरकार की बदइंतजामी की वजह से लोग 20 -20 किलोमीटर पैदल चल कर परेशान हो रहे हैं, हालत ये है कि तीर्थ पुरोहित, कल्पवासियों की सुविधाओं में कटौती कर दी गई है, तीर्थ पुरोहितों को संगम से दूर पूजा स्थल आवंटित किया गया है जिस वजह से श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने कहा की कैबिनेट बैठक का महाकुंभ स्थल पर सरकार ने इवेंट किया लेकिन उसे प्रयागराज को क्या फायदा हुआ नहीं मिला ना कोई रिफाइनरी मिली जिस रिफाइनरी का शिलान्यास हो गया था वह आंध्र प्रदेश चली गई। प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि प्रेस कांफ्रेंस में महाकुंभ में फैली अव्यवस्थाओं और साधु संतों और श्रद्धालुओं को हो रही समस्याओं पर एक वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई ।