अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के समापन सत्र में मंगलवार को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हमारा संविधान हमारे प्राचीन मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है। पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन में लिए गए फैसले से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा।
राज्यपाल खान ने कहा कि राजनीति का मतलब त्याग, ज्ञान प्राप्त करना और संस्कारी होना है। सभी को अपने दिल में समाहित करने की क्षमता है। इस मौके पर पीठासीन पदाधिकारियों से उन्होंने कहा कि लोक कल्याण और लोक संग्रह के लिए आपको काम करना है ताकि हर व्यक्ति तक न्याय पहुंच सके और जो स्वार्थ के लिए काम करते हैं वे अज्ञानी हैं।
पीठासीन अधिकारियों ने लिए संकल्प
भारत के संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ पर भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन ने सामूहिक रूप से भारतीय संविधान के प्रति अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त की तथा संकल्प लिया कि संविधान में निहित मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप अपने अपने सदनों का कार्य संचालन करेंगे।
भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने पुन: सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि विधायी संस्थाओं में बाधारहित व्यवस्थित चर्चा एवं परिचर्चा को सुनिश्चित करेंगे, ताकि विधायी एवं नीतिगत मुद्दों पर जनहित में श्रेष्ठ संवाद का वातावरण बन सके।
भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर इसके मूल्यों को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
इसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था, शहरी निकायों, सहकारी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं एवं समाज के विभिन्न वर्गों तक संवैधानिक मूल्यों को योजनाबद्ध तरीके से पहुंचाने का अभियान व कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया, जिससे संवैधानिक मूल्यों की जड़े और गहरी व स्थायी हों और जन सहभागिता पर आधारित यह शासकीय व्यवस्था देश में और सुदृढ़ व मजबूत बने।
41 पीठासीन अधिकारियों ने सम्मेलन में लिया हिस्सा
दो दिनों तक चले इस सम्मेलन में देशभर से 23 विधानमंडलों के 41 पीठासीन अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का एजेंडा था ‘संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को सशक्त करने में संसद और राज्य विधायी निकायों का योगदान’।
सम्मेलन के समापन सत्र में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह, बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव और बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह सहित अन्य लोग शामिल हुए।