कानपुर में शिवराजपुर थाना क्षेत्र के खेरेश्वर मंदिर जाने वाले मार्ग पर दरोगा बाबा मंदिर के पास सुनसान रास्ते पर सोमवार सुबह एक नवजात शिशु कपड़े से लिपटा हुआ मिला। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रहे लोगों ने जाकर कपड़ा हटाकर देखा तो सभी की रूह कांप उठी कपकपाती ठंड में नवजात चीख-चीखकर रो रहा था। आनन-फानन में घटना की सूचना पुलिस को दी गयी। मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात को सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दरोगा बाबा मंदिर के पास सुबह से नवजात की रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। तभी वहां से गुजर रहे लोगों ने जिज्ञासा दिखाते हुए सड़क किनारे जाकर देखा, तो उन्हें इस घटना की जानकारी हुई। देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गयी। घटना की सूचना पर पहुंची डायल 112 पुलिस ने शिशु को कब्जे में लेकर उपचार के लिए उसे सीएचसी लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
दरअसल, शिशु के सिर पर चोट के निशान थे। हालांकि शिशु ने स्वेटर और सिर पर टोपा पहन रखा था। उसके हाथ पैर में सूजन भी थी। जिसे देख एक बार के लिए सभी की आंखे नम हो गयी। सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा था कि आखिरकार कोई मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है कि अपने कलेजे के टुकड़े को इस ठंड में खुले आसमान के नीचे छोड़कर चली गयी।