मूर्खों ने बनाया था प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट… महाकुंभ में ये क्यों बोले प्रखर जी महाराज

महाकुंभ : श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट के संस्थापक महामण्डलेश्वर स्वामी प्रखर जी महाराज सेवा को धर्म का वास्तविक स्वरूप मानते हैं। कई प्रमुख शैक्षिक संस्थानों और अस्पतालों का संचालन उनके मार्गदर्शन में हो रहा है। महाकुंभ में उनके दिशा निर्देश में 50 बिस्तरीय सर्वसुविधायुक्त अस्पताल का संचालन उनकी देखरेख में हो रहा है। प्रखर जी महाराज धर्म, अध्यात्म, समाज और सामयि​क मुद्दों पर प्रखरता से अपनी बात रखते हैं।

अध्यात्मिक और सामाजिक मुद्दे पर महामण्डलेश्वर स्वामी ने कई सवालों के जवाब दिए। इनमें से कुछ सवालों के जवाब हैं…

प्रश्न : वक्फ बोर्ड की तरह अब सनातन बोर्ड की मांग उठ रही है, इसे आप किस तरह देखते हैं?

उत्तर : वर्तमान में जो स्थिति है, उसमें एक नये बोर्ड को जन्म देना एक और नये विवाद का जन्म देना होगा। मेरी दृष्टि से इसकी (सनातन बोर्ड) कोई आवश्यकता नहीं है। हम यह चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड ही खत्म हो। यदि आपा सनातन बोर्ड बना रहे हो तो इसका मतलब बोर्ड बोर्ड खेलने के आप प्रोत्साहित कर रहे हो। वक्फ के कार्य इतने खतरनाक हैं कि कल मेरा घर भी वक्फ बोर्ड का होगा। इसलिए हम चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड ही नहीं रहे। वक्फ बोर्ड के ये जो संविधान विरोधी हरकतें हैं, ये पूर्णतः खत्म होना चाहिए। ये मांग करनी चाहिए। वक्फ का मतलब दान होता है। सनातनी तो डोनेशन करता ही है। ऐसी स्थिति में हम ये नहीं नहीं चाहते हैं कि सारे हिन्दुओं में मन्दिर, हमारे पूजा स्थल किसी बोर्ड के कब्जे में चले गए तो ये हमारी पूजा और पद्वति पर कुठाराधात हो सकता है। मुस्लिमों के मजार और मस्जिदें वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति है। हमारे यहां तो राजा महाराजा, बड़े-बड़े धनाढय, बड़े-बड़े सज्जन लोगों ने ये वक्फ (दान) किया है, ये (मजारें-मस्जिदें) वर्तमान में इसी जमीन पर बने हुए हैं। ऐसी स्थिति में आप बोर्ड (सनातन) खड़ा करे एक तरह से वक्फ बोर्ड का समर्थन कर रहे हैं।

प्रश्न : क्या आपको लगता है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम , 1991) में बदलाव होना चाहिए या इसे खत्म कर देना चाहिए?

उत्तर : जिस समय ये एक्ट बनाया गया था, किन्हीं मूर्खों ने इसे बनाया था और मूर्खतों की मूर्खता का परिणाम है कि न तो ये एक्ट ठीक से न हिन्दू सनातनियों का गला काट सका और न उनकी आवाज दबा सका, इसलिए हम आवाज उठा रहे हैं और उठाएंगे। ये गलत था, इसे खत्म करना चाहिए।

प्रश्न : संभल में मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा को आप किस तरह देखते हैं?

उत्तर : ये हिन्दुओं का देश था। 1600 वर्ष पहले मुस्लिम आक्रांता आये थे। हिन्दुओं से पहले यहां कोई दूसरा था ही नहीं। ये देश हिन्दुओं की सम्पत्ति है। संभल में जो हुआ वो ठीक नहीं हुआ, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रश्न : आपका कार्यक्षेत्र पंजाब रहा है, वहां बड़ी तेजी से चर्च धर्मांतरण करवा रही है, इस पर क्या कहेंगे?

उत्तर : पंजाब मेरा कार्यक्षेत्र है। वहां की वर्तमान स्थिति ठीक नहीं है। लॉ एण्ड ऑर्डर की समस्या वहां पर है। कब कोई किसे गोली मार दे इसका पता नहीं है। चर्च द्वारा जो बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करवाया जा रहा है, इस पर हिन्दू और सिख समाज के जिम्मेदार लोगों को चिंतन—मंथन करना चाहिए।

प्रश्न : महाराज जी, हिन्दू बेटियां लगातार लव जेहाद का शिकार हो रही हैं, इसको कैसे रोका जा सकता है़?

उत्तर : ये महत्त्वपूर्ण प्रश्न है। वर्तमान समय में हमारे घर-परिवार में संस्कारों की कमी दिखाई देती है। किसी दूसरे को दोष देने की बजाय हमें अपने घर में संस्कारों को मजबूत करना चाहिए। बच्चों के अच्छे संस्कार देने चाहिए, इसी से लव जेहाद जैसे मामले रूकेंगे।

प्रश्न : आपका कहना है कि लव जेहाद इसलिये हो रहा है क्योंकि परिवार और समाज में संस्कारो की कमी है?

उत्तर : देखिए संस्कार ये बड़ा गहन विषय है। जिस क्रिया कलाप के द्वारा व्यक्ति समाज का आभूषण बन जाए उसको कहते हैं संस्कार। और उस संस्कार के समूह को कहते हैं संस्कृति। नाचना, गाना और बॉलीवुड के फूहड़पन और नंगेपन को हमने संस्कार मान लिया…. संस्कृति मान लिया। पहले संस्कारों को समझने की आवश्यकता है, उसके बाद संस्कृति का ज्ञान अपने आप हो ही जाएगा। जब संस्कृति का ज्ञान हो जाएगा तब पता चलेगा कि गाना, नाचना, बॉलीवुड का फूहड़पन, ये संस्कृति नहीं है। यह संस्कृति को नष्ट करने का षडयंत्र है और ऐसे षडयंत्र सैकड़ों वर्षों से हमारे साथ होते रहे हैं।

प्रश्न : गौहत्या रोकने के केंद्रीय कानून बनें, इसके लिये लगातार भिन्न-भिन्न मंचों से आवाज उठ रही है, लेकिन अभी तक ये कानून बना नहीं है, इस पर क्या विचार है?

उत्तर : बिल्कुल बनना चाहिए। गौ की रक्षा से ही राष्ट्र की रक्षा है। गौ की रक्षा से ही सनातन की रक्षा है। गौ की रक्षा से ही सनातन कर्मकाण्ड की रक्षा है। हम कोई पूजा करने जाते हैं तो हमें पंचगव्य की जरूरत होती है। पंचगव्य गाय से ही प्राप्त होता है, उसके बिना शुद्धि नहीं होती। उसकी के द्वारा हम संस्कार को प्राप्त करते हैं, तो गौ की रक्षा करनी होगी। अगर गौ की रक्षा नहीं की तो सभ्यता और संस्कृति कैसे बचेगी? इसलिये गौ की रक्षा की आवश्यकता है।

प्रश्न : ये माना जा रहा था कि मोदी सरकार गौर रक्षा के लिये काननू बनाएगी। दस साल हो गये लेकिन इस बारे में कुछ हुआ नहीं?

उत्तर : मोदी जी, अच्छे व्यक्ति हैं। सज्जन व्यक्ति हैं। और उस व्यक्ति (मोदी जी) के अन्दर सनातन सभ्यता और संस्कृति के प्रति समर्पण भी है, और प्रेम भी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वो (मोदी) गौ रक्षा के लिये कानून बनाये गयें। …. कोई कारण होगा जिसके चलते देरी हो रही है।

प्रश्न : हिन्दुओं को अपनी आबादी बढ़ानी चाहिए, ये बयान कई मंचों से आया है, इस पर आप की क्या राय है?

उत्तर : न्यूक्लियर फैमिली का ही नतीजा है कि समाज के अंदर कई बुराईयां पनप रही हैं। ये ठीक नहीं है। हमें संयुक्त परिवार चाहिए, भरे हुए परिवार चाहिए। यही तो हमारी विशेषता थी। सब एक साथ रहते थे, तो सशक्त थे। जब हम न्यूक्लियर फैमिली हो जाएंगे तो हम अकेले ही जीने का प्रयास करेंगे। ये सनातन धर्म का लक्षण नहीं हैं। किसी भी इंसान से पूछो, भाई क्यों कमाते हो, तो वो व्यक्ति बोलेगा- मेरा बाल बच्चा और परिवार है न। कोई नहीं कहता कि मैं अपने लिये कमाता हूं। यानि कि व्यक्ति अपने लिये कुछ नहीं कर रहा है। दूसरों के लिये कुछ करना ही तो सनातन है। संयुक्त परिवार बढ़ने चाहियें।

प्रश्न : संगम की पवित्र भूमि से आप देशवासियों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

उत्तर : हमारे पूर्वजों ने जीवन निर्वाह, समाज कल्याण और उत्थान के लिये मूलभूत सिद्धान्तों का आश्रय लिया। वर्तमान में हमें अपने पूर्वजों के बताये हुये मार्ग पर चलना चाहिये। इसी से परिवार और समाज का कल्याण होगा। यही कुंभ का वास्तविक संदेश है।

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