30 करोड़ की मूर्ति चोरी का पर्दाफाश, पुजारी समेत चार अन्य गिरफ्तार

मीरजापुर। मीरजापुर के थाना पड़री क्षेत्र के कठिनई गांव स्थित श्रीराम जानकी मंदिर से चोरी हुई 30 करोड़ की प्राचीन अष्टधातु की मूर्तियों की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस वारदात का मास्टरमाइंड और कोई नहीं बल्कि वादी, वंशीदास गुरु महामंडलेश्वर स्वयं निकला। एएसपी आपरेशन ओपी सिंह ने शनिवार को पुलिस लाइन सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान मामले का खुलासा किया।

शातिर योजना के तहत वंशीदास ने अपने साथियों के साथ मिलकर राम, लक्ष्मण और जानकी की बेशकीमती मूर्तियां चोरी कर लीं। पुलिस ने सर्विलांस और गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए चार अभियुक्तों वंशीदास गुरु महामंडलेश्वर (वादी और मुख्य आरोपी), लवकुश पाल (वंशीदास का वाहन चालक)

मुकेश कुमार सोनी व रामबहादुर पाल को बोलेरो वाहन के साथ गिरफ्तार किया और चोरी की गई मूर्तियां बरामद कर लीं। इन्होंने अष्टधातु की मूर्तियों को मंदिर से चोरी कर पास के हाईमाई मंदिर के पीछे छिपा दिया था।

गिरफ्तार अभियुक्तों से श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी की मूर्तियां (कुल वजन 66 किलो), दो मुकुट, एक हार और मछलीनुमा कुंडल भी बरामद हुए। पुलिस ने चोरी में प्रयुक्त बोलेरो वाहन को भी जब्त कर लिया। पूछताछ में वंशीदास ने खुलासा किया कि मंदिर की गद्दी और संपत्ति पर अधिकार को लेकर उसके मन में लालच और नाराजगी थी। उसने मूर्तियों को बेचकर अलग मठ बनाने की योजना बनाई थी।

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