वॉशिंगटन में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण के बाद बच्चों में एक्यूट किडनी इंजरी (एसीआई) के मामले बढ़ रहे हैं।
यह शोध यह संकेत देता है कि एचएमपीवी संक्रमण किडनी की सेहत को प्रभावित कर सकता है, हालांकि इसके लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी संक्रमण के गंभीर लक्षण, जैसे हाइपोक्सिया (शरीर में ऑक्सीजन की कमी), किडनी के ब्लड फ्लो को बाधित कर सकते हैं। इसके अलावा, तेज बुखार, उल्टी और अन्य गंभीर लक्षण किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। किडनी की समस्याओं के लक्षणों में पैरों और चेहरे में सूजन, अत्यधिक थकान, पेट में तेज दर्द और पेशाब में कमी या रंग में बदलाव शामिल हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
एचएमपीवी और किडनी पर प्रभाव
एचएमपीवी वायरस सीधे तौर पर किडनी पर हमला नहीं करता, लेकिन यह संक्रमण और संबंधित जटिलताओं के कारण किडनी पर अप्रत्यक्ष दबाव डाल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर मामलों में किडनी की कार्यप्रणाली में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, और डायलिसिस की आवश्यकता भी हो सकती है।
एचएमपीवी से बचाव के उपाय
एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से हाथ धोना, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाना और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना प्रभावी बचाव उपाय हैं। इसके साथ ही, इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना चाहिए।