Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एनडीए के अपने दो सहयोगी दलों के लिए दो विधानसभा सीटें छोड़ दी हैं। भाजपा ने देवली और बुराड़ी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। बुराड़ी सीट पर चुनाव लड़ने के लिए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपनी उम्मीदवारी को तय किया है। वहीं, देवली सीट से चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) चुनाव लड़ेगी।
दिल्ली में विधानसभा चुनावों को लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियों को तैयार कर लिया है। भाजपा, आम आदमी पार्टी (आप), और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है, लेकिन एनडीए के इन दो सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के मैदान में होने से राजनीतिक समीकरण और दिलचस्प हो सकते हैं।
भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए हैं, हालांकि दिल्ली की सत्ता पिछले कुछ सालों से आम आदमी पार्टी के पास रही है। बुराड़ी और देवली की सीटें इन दोनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं, क्योंकि यहां से कई महत्वपूर्ण दलों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
भाजपा के नेताओं का मानना है कि एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मिलकर गठबंधन को एक मजबूत मोर्चा बनाया जा सकता है, जिससे दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बड़ी जीत हासिल की जा सके। वहीं, विपक्षी दलों, खासकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसे भाजपा की desperation के तौर पर देखा है, क्योंकि भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ कुछ बड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
दिल्ली के विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ लगातार बढ़ रही हैं, और सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इन चुनावों में मुख्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सार्वजनिक सुरक्षा। इन दो सीटों पर जिन दलों के उम्मीदवार चुनाव लड़ेगे, उनकी पूरी ताकत दिल्ली में भाजपा की बढ़त बनाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें इस पर होंगी कि भाजपा के इस कदम से क्या दिल्ली में उसकी स्थिति मजबूत होगी या फिर ये गठबंधन का खेल विपक्षी दलों के लिए नया अवसर लेकर आएगा।