समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी के किसान, व्यापारी, युवा और महिलाएं पूरी तरह से तैयार हैं और भाजपा इस चुनाव में बुरी तरह हारने वाली है।
लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी पीडीए (पार्टी ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस) के प्रतिनिधि हैं, और यह चुनाव समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत साबित होगा। उन्होंने इस उपचुनाव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रदेश, देश और विदेश की मीडिया को इस चुनाव के दौरान भाजपा सरकार के चुनावी तरीकों को देखना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि मिल्कीपुर चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराए जाएं।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा हमेशा पीडीए से घबराती है और इस सरकार का हर आंकड़ा झूठा है। उन्होंने नोटबंदी का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा और कालाधन वापस आएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बाद जीएसटी के लागू होने के बाद व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान हुआ और व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ा। उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और भाजपा सरकार व्यापारियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
कानपुर में व्यापारियों के व्यापार छोड़ने का हवाला देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार की गलत नीतियों, जीएसटी, वसूली, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के कारण व्यापारी वर्ग परेशान है और बाहर जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने बड़े-बड़े निवेशकों से मिलने के लिए इनवेस्टर मीट आयोजित की, लेकिन कोई भी निवेश और कारोबार नहीं आ पाया। इसके परिणामस्वरूप कारोबारी भी भाजपा की नीतियों से नाराज होकर अपना कारोबार छोड़कर बाहर जा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने भाजपा के निजीकरण की नीति का भी विरोध किया और कहा कि समाजवादी पार्टी सरकारी संस्थाओं के निजीकरण के खिलाफ है। उन्होंने बिजली विभाग के निजीकरण की बात करते हुए चेतावनी दी कि अगर बिजली विभाग का निजीकरण होता है तो जनता को महंगी बिजली मिलेगी और सरकारी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। इसके साथ ही आरक्षण जैसी सुविधाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है और संविधान में मिले अधिकारों और हकों के खिलाफ कदम उठा रही है। समाजवादी पार्टी हर हाल में इन गलत नीतियों का विरोध करती रहेगी।