पेशवाई रथ पर कैसे सवार हुई वायरल सुंदरी हर्षा रिछारिया, संतों को आपत्ति…

प्रयागराज : पेशवाई रथ पर सवार होकर वायरल हुई सुंदरी हर्षा रिछारिया को लेकर संत समाज ने घोर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए आयोजित नहीं है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है। इसलिए इस कुकृत्य पर आप कार्रवाई कीजिए। निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर संतों के साथ कथित तौर पर एंकर हर्षा रिछारिया के बैठने को लेकर विवाद पैदा हो गया। काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर आपत्ति जताई है।

उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, महाकुंभ मेले में निरंजनी अखाड़े के छावनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज से भोजन प्रसाद पर चर्चा हुई। मैंने कहा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है। इसलिए इस कुकृत्य पर आप कार्रवाई कीजिए।एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, महाकुंभ जैसे पवित्र और दिव्य आयोजन में धर्म, संस्कृति और परंपरा की रक्षा हमारा सर्वोच्च कर्तव्य है। भगवा वस्त्र, जो त्याग, तपस्या और सनातन धर्म की परम मर्यादा का प्रतीक है, उसका सम्मान हर सनातनी का धर्म है।

उन्होंने कहा, भगवा धारण करना मात्र वस्त्र धारण करना नहीं, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि, संयम और धर्म के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है। आज जब कुछ लोग इन पवित्र परंपराओं की मर्यादा को भंग करने का प्रयास करते हैं, तो यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इन अनादि परंपराओं की रक्षा के लिए एकजुट हों। संत ने लिखा, सनातन धर्म केवल आस्था का विषय नहीं, यह एक जीवन दर्शन है जो सत्य, धर्म और मोक्ष की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करता है। महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि धर्म की पुनः प्रतिष्ठा का अवसर है। मेरा संदेश स्पष्ट है – धर्म की मर्यादा को बनाए रखना, भगवा की गरिमा की रक्षा करना और सनातन परंपराओं को पुनर्स्थापित करना हमारा परम दायित्व है।

उन्होंने कहा, हमारी परंपरा है कि जब सनातन का कोई आयोजन होता है, हमारे युवा भगवा पहनते हैं। यह कोई अपराध नहीं है। हमारे यहां परंपरा है कि कोई एक दिन, पांच दिन, सात दिन के लिए साधू होता है। इस युवती ने निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा ली थी। वह सन्यासिन नहीं बनी है और उसने भी कहा है कि वह सन्यासिन नहीं है और केवल मंत्र दीक्षा ली है। वह रथ पर बैठी थीं और लोगों ने उसे निशाना बनाना शुरू कर दिया।

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