सात समंदर पार की दोस्ती : सालों बाद मिले तो छलक पड़े आंसू

कहते हैं दोस्ती दुनिया की अनमोल चीज है जिसका धनी हर कोई नहीं होता। जिसने इस अनमोल धरोहर को सहेज लिया, उसका जीवन सफल हो गया। यह बात तब ज्यादा सच होती दिखती है जब बरसों के पुराने दोस्त एक जगह मिलते हैं और पुरानी यादों में खो जाते हैं। कुछ इसी तरह का दृश्य सन 1998 बैच के विद्यार्थियों के बुधवार 15 जनवरी काे एक दूसरे पर मिलने पर हुआ।

जवाहर नवोदय विद्यालय माना कैंप में सन 1998 तक कक्षा छठवीं से लेकर 12वीं तक अध्ययनरत छात्रों ने सालों बाद एलुमिनी मीट का आयोजन किया। इस आयोजन में अमेरिका के टेक्सास शहर से सॉफ्टवेयर इंजीनियर शौकत अली व कनेक्टिकट शहर से सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्षितिज चंद्राकर पहुंचे तो दोस्तों से मिलकर खुशी में उनके आंखों से आंसू निकल पड़े।

स्कूली पढ़ाई के बाद जाब के सिलसिले में दोस्तों का देश के विभिन्न शहरों से गुजरता हुआ सफर अमेरिका तक जा पहुंचा। इन बीते सालों में दोस्तों से मिलने की कई बार कोशिश की गई लेकिन संयोग नहीं बन पाया। जब संयोग बना तो उन्हें 15 घंटे फ्लाइट से किए गए सफर का समय भी कई सालों की दूरी का एहसास कराता रहा।

विभिन्न स्थानों से पहुंचे दोस्तों के बीच स्वयं को देखकर दोनों दोस्त काफी खुश हो गए। कहा कि उन्हें इस खुशी को शब्दों में बयां करना नहीं आ रहा है। इस दौरान सभी ने मिलकर स्कूली जीवन की विभिन्न स्मृतियों को ताजा किया। हंसी ठिठोली के बीच में समय कब बीत गया पता ही नहीं चला। शिक्षकों की डांट डपट और एक दूसरे की खिंचाई का सिलसिला चलता ही रहा।

राजधानी रायपुर के एक रिसार्ट में बुधवार की देर शाम काे आयोजित कार्यक्रम में दोस्तों ने खूब मौज मस्ती की। इस दौरान उन्होंने अपने अब तक के सफर के बारे में भी सभी से अपने विचार साझा किए। गीत संगीत का कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। इस दौरान 1998 बैच के विद्यार्थी काफी संख्या में उपस्थित थे। सभी विद्यार्थी राजधानी रायपुर के अलावा विभिन्न जिलों से पहुंचे थे।

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