उपायुक्त प्रदीप दहिया ने संबद्ध अधिकारियों को चिह्नित अपराधों के मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए आपसी समन्वय और गहनता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं ताकि सुनिश्चित अपराधी को उचित सजा दिलाई जा सके। लघु सचिवालय में बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि इन मामलों में न्यायालय के समक्ष मजबूत पैरवी और ठोस साक्ष्य पेश किए जाने चाहिए ताकि पीड़ित को जल्द न्याय मिल सके और अपराधियों को सजा। बैठक में डीसीपी दीपक सहारण व एडीसी सलोनी शर्मा भी मौजूद रही।
डीसी ने कहा कि चिह्नित अपराधियों को कानून के अनुसार जल्द सजा दिलाने से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है और अपराध की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि चिन्हित अपराधों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए और पुलिस विभाग गहनता से जांच कर रिपोर्ट तैयार करे। न्यायवादी विभाग के साथ समन्वय बनाकर मामले की मजबूती से पैरवी सुनिश्चित करें। डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोर्ट में जाने से पहले मामलों की गहन जांच करते हुए ठोस साक्ष्य जुटाएं। जिला न्यायवादी को निर्देशित किया गया कि केस की पैरवी से पहले साक्ष्यों और कानूनी पहलुओं का पूरी तरह अध्ययन करें।
बैठक में पॉक्सो, जेजे एक्ट, एनडीपीएस (कमर्शियल), एमटीपी और पीसी-पीएनडीटी एक्ट सहित अन्य अति गंभीर श्रेणियों के मामलों पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि ये मामले चिह्नित अपराधों की श्रेणी में आते हैं, जिनमें पीड़िता को जल्द न्याय दिलाने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए विशेष रूप से चिन्हित किया जाता है है।
बैठक में एसडीएम झज्जर रविंद्र यादव, एसडीएम बहादुरगढ़ नसीब कुमार, एसडीएम बेरी रविंद्र मलिक, एसडीएम बादली सतीश यादव सहित संबंधित स्वास्थ्य व जिला न्यायवादी अधिकारी मौजूद रहे।