वाराणसी। प्रयागराज महाकुंभ में मकर संक्रांति पर्व पर पहले अमृत स्नान (शाही स्नान) के बाद लाखों श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह मंगलवार देर रात से ही काशी में होने लगा है। श्रद्धालुओं की भीड़ से दशाश्वमेध स्थित गंगा तट से लेकर श्री काशी विश्वनाथ दरबार भर गया है। श्रद्धालुओं के अनवरत आगमन को देख जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस चिनप्पा की अगुआई में भीड़ प्रबंधन के लिए दशाश्वमेध इलाके में सड़कों पर उतर आए। लाखों की भीड़ से दशाश्वमेध, गोदौलिया, मैदागिन आदि इलाकों में यातायात व्यवस्था चरमरा गई। भीड़ की वजह से स्थानीय लोग जाम से जूझते हुए अपने कार्यस्थल के लिए निकले। भीड़ के पलट प्रवाह को देख शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है।
शहर की ओर आने वाले मार्ग के साथ गंगा तट और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, कालभैरव मंदिर मार्ग पर जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई है। सीसीटीवी कैमरा एवं ड्रोन से गंगा घाटों की निगरानी हो रही है। गंगा नदी में एनडीआरएफ, जल पुलिस के जवान विशेष नौका से गश्त करते देखे गए। गंगाघाट और बाबा धाम के निकट लगातार एलाउंसमेंट के जरिए श्रद्धालुओं को दिशा निर्देश दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के बाद श्रद्धालु काशी में गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर ही अपने घर लौटते हैं। भीड़ के पलट प्रवाह को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को हुआ। अनुमान के अनुसार करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों ने इस अमृत स्नान में पवित्र संगम तट पर डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ लेने के बाद काशी का रुख किया है। उधर, वाराणसी में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देख यातायात पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है।
इसके तहत सुगम यातायात के लिए मैदागिन से चौक और गोदौलिया को आने वाली सभी सड़कों को पुलिस ने नो व्हीकल जोन बनाया है। इसी तरह नमो घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट की ओर जाने वाली सड़क पर भी यातायात प्रतिबंधित किया गया है। 16- 17 जनवरी के बीच 20 लाख से अधिक पर्यटकों के काशी पहुंचने की संभावना जताई गई है। पूरे महाकुंभ की अवधि में प्रयागराज से दस करोड़ श्रद्धालुओं के आने का आकलन जिला प्रशासन ने किया है।