वाराणसी (काशी) की गंगा आरती, जो हर शाम हजारों भक्तों और पर्यटकों के लिए एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होती है, अब एक नए नियम के तहत होगी। वाराणसी नगर निगम ने घोषणा की है कि अब गंगा आरती के आयोजन के लिए हर साल परमिशन लेना जरूरी होगा। यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नया नियम: गंगा आरती के आयोजन के लिए हर साल परमिशन
वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, अब हर वर्ष गंगा आरती आयोजित करने के लिए एक विशेष परमिशन लेनी होगी। इस नियम के लागू होने से पहले कई स्थानों पर मनमाने तरीके से गंगा आरती का आयोजन हो रहा था, जिसके कारण प्रशासन को कई बार चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी आयोजन कानूनी और व्यवस्थित रूप से हों, जिससे सुरक्षा और सांस्कृतिक सम्मान दोनों सुनिश्चित हो सकें।
नियम का उद्देश्य
- सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना: गंगा आरती के दौरान बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से एक चुनौती हो सकती है। इस नए नियम से आयोजकों के लिए सुरक्षा के उपायों को लागू करना जरूरी होगा, जिससे किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
- कानूनी और व्यवस्थित आयोजन: अब हर गंगा आरती का आयोजन नगर निगम द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी आयोजन अव्यवस्थित और अनाधिकृत न हो।
- पर्यटन और धार्मिक महत्व: काशी का गंगा घाट विश्वभर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस नए नियम से आयोजकों को जिम्मेदारी के साथ आयोजन करने की जिम्मेदारी होगी, जिससे काशी के धार्मिक महत्व और पर्यटन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्या बदलाव आएंगे?
- अब गंगा आरती के आयोजकों को हर साल परमिशन के लिए आवेदन करना होगा, जिसमें वे आयोजन की तारीख, समय, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य आवश्यक विवरण देंगे।
- आयोजन के लिए नगर निगम की अनुमति प्राप्त करने के बाद ही गंगा आरती का आयोजन किया जा सकेगा।
- इस प्रक्रिया से आयोजकों को प्रशासन से सहयोग मिलेगा, और कार्यक्रमों में किसी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सकेगा।