दिल्ली में AAP नेताओं संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज का प्रधानमंत्री आवास पर हंगामा

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास को लेकर एक बार फिर हंगामा खड़ा कर दिया है। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के दौरे की अनुमति न मिलने के बाद दिल्ली सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जनता को यह दिखाया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री का सरकारी आवास किस तरह का है और यह किस प्रकार के खर्च पर रखा गया है।

क्या है मामला?

आम आदमी पार्टी के विधायक संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी आवास को लेकर एक बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्रधानमंत्री आवास का दौरा करने की अनुमति मांगी थी, ताकि यह पता चल सके कि यह आवास किस तरह से खर्च किया जा रहा है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री का आवास एक तरह से ‘राजमहल’ जैसा है, जिसे आम जनता को देखने का अधिकार होना चाहिए।

पार्टी के दोनों नेता इस बात पर अड़े हैं कि सरकार को प्रधानमंत्री के आवास के खर्च और उसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जनता को जानकारी देनी चाहिए। हालांकि, इस मामले में दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास का दौरा करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज दिल्ली सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गए और उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

धरना और विरोध प्रदर्शन

धरने पर बैठते हुए संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जनता से जुड़ी हर जानकारी को छिपा रही है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री का आवास किस तरह का है, वहां पर कितना खर्च किया जा रहा है, और यह खर्च जनता के पैसे से क्यों किया जा रहा है?” दोनों नेताओं का कहना है कि देश में लाखों लोग गरीबी में जी रहे हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री का ‘राजमहल’ जनता के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज का कहना था कि प्रधानमंत्री आवास को लेकर सरकार को पारदर्शिता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा, “जनता को यह अधिकार है कि वह जाने कि उनके पैसे का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है।” इसके अलावा, दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से यह भी सवाल किया कि क्या वह इस खर्च को सही ठहरा सकते हैं जब देश के करोड़ों लोग आर्थिक संकट और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

सरकार का क्या कहना है?

इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्र सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सिर्फ राजनीति करने के लिए इस मुद्दे को उठा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री का अधिकार है कि वह किस प्रकार के आवास में रहें, और यह कोई राष्ट्रीय मामला नहीं है। बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की आलोचना की और कहा कि यह मुद्दा केवल ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है।

वहीं, दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट किया कि यदि प्रधानमंत्री का आवास जनता के लिए पारदर्शी किया जा रहा है, तो यह अच्छा होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम यह मानते हैं कि प्रधानमंत्री के सरकारी आवास का खर्च जनता के पैसे से होता है, और इसलिए इसमें पारदर्शिता जरूरी है।”

प्रधानमंत्री आवास की महत्ता

प्रधानमंत्री आवास का मामला केवल एक घर या भवन तक सीमित नहीं है। यह भारतीय राजनीति और शासन का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन चुका है। प्रधानमंत्री का आवास दिल्ली के लुटियंस ज़ोन में स्थित है, जो कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। यह आवास प्रधानमंत्री की सुरक्षा, कार्यक्षमता और सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है।

हालांकि, यह आवास एक बड़ा प्रतीक है, यह सवाल भी उठता है कि इस पर होने वाला खर्च कितना उचित है। इससे जुड़े सवाल अक्सर चर्चा में रहते हैं, खासकर तब जब देश में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असमानता जैसी समस्याएं उभर कर सामने आती हैं।

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