अमितशाह से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन ने मांगा इस्तीफा,कहा नही सहेंगे आंबेडकर का अपमान

KAJAL SONI

आज राजधानी लखनऊ में कांग्रेस का विधानसभा घेराव को लेकर प्रदर्शन चल रहा है, जिसके कारण से राजधानी लखनऊ की सड़के जाम हो गई है।  जाम के कारण आम जनमानस को आवागमन में दिक्कते आ रही है लोगो को घंटो -घंटो तक जाम को झेलना पड़ रहा है , तो वहीं दूसरी ओर मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर कुछ ऐसा कह दिया था जिसके बाद सदन में अचानक से हंगामा शुरु हो गया और साथ ही कांग्रेस पर भी पलटवार किया , दरअसल विपक्ष का आरोप है कि केन्द्रीय मत्री अमितशाह ने भरे सभा आंबेडकर का अपमान किया है, और इसी बात को लेकर संसद में आज बुधवार को भी हंगामा जारी है  

बता दें कि विपक्ष के हंगामें के चलते सदन की कार्यवाही दोबारा से रोकनी पड़ी , लेकिन ऐसा कब तक चलता रहेगा यह सोचने वाला विषय है , लेकिन सबसे बड़ी राजनीति तो तब शुरु हुई जब अमितशाह ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए उन सभी आरोपो को सस्ती राजनीति से संबोधित किया । दरअसल अमितशाह ने कहा कि कांग्रेस उनके द्वारा कहे गए बयान को कांट -छांट कर सोशल मीडिया पर परोसने का कार्य कर रही है ,जो एक तरफ से सस्ती राजनीति का प्रतीक है

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल सदन में अमित शाह ने आंबेडकर को लेकर राज्यसभा में कहा कि ‘अभी एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। आंबेडकर का नाम सौ बार लें, लेकिन आंबेडकर के बारे में कांग्रेस पार्टी का भाव क्या है, ये मैं बताता हूं।

अमितशाह ने कहा कि ‘डॉ. आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया था। उन्होंने अनुसूचित जनजातियों से व्यवहार, अनुच्छेद 370 और देश की विदेश नीति से नाराजगी के चलते इस्तीफा दे दिया था। इस पर बीसी रॉय ने पंडित नेहरू को चिट्ठी लिखी कि आंबेडकर और राजाजी मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा? इसके जवाब में पंडित नेहरू ने लिखा था कि राजाजी के जाने से कुछ असर पड़ेगा, लेकिन आंबेडकर के जाने से कुछ नहीं होगा।

अमितशाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस के आंबेडकर के बारे में ये विचार रहे हैं। आज आंबेडकर को मानने वाले पर्याप्त संख्या में आ गए हैं इसलिए ये आंबेडकर-आंबेडकर कर रहे हैं। वोटबैंक के लिए कांग्रेस नेता आजकल आंबेडकर का नाम बार-बार लेते हैं।

मल्लिकार्जुन खरगे ने अमित शाह से मांगा इस्तीफा

बता दें कि अमितशाह द्वारा दिए गए बयान को कांग्रेस ने आंबेडकर का अपमान बताया है वहीं सबसे मल्लिकार्जुन इस बहस से पीछे कैसे रहते वह भी मैदान में कूद ते हुए दिखाई दिये और केन्द्रीय मंत्री अमितशाह से मांग लिया इस्तीफा,आपको बता दें कि इसके बाद राजनीति और भी ज्यादा गर्म होती हुई नजर आई और आज यानि की बुधवार को फिर हंगामा हुआ जारी और विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में हाथों में आंबेडकर की तस्वीर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने अमित शाह की टिप्पणी से नाराजगी जाहिर करते हुए आज संसद में स्थगन प्रस्ताव लाने की बात कही है। मणिकम टैगोर ने कहा कि अमित शाह ने आंबेडकर पर टिप्पणी कर संविधान निर्माण में उनकी भूमिका को कमतर करने की कोशिश की है। कांग्रेस सांसद ने मांग की कि अमित शाह को अपने बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा ने दिया विपक्ष को जवाब
संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘कल केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि जब आंबेडकर जीवित थे, तो कांग्रेस ने किस तरह से उनका अपमान किया। कांग्रेस ने इतने वर्षों तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया और साल 1952 में एक साजिश के तहत उन्हें चुनाव हराया। मैं एक बौद्ध हूं और बाबा साहब के बताए रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति हूं। इस देश में बाबा साहब ने 1951 में कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। 71 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे, जो एक बौद्ध हूं, देश का कानून मंत्री बनाया।’

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