बांग्लादेश की कोर्ट में भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध: हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को नहीं मिली जमानत

बांग्लादेश में देशद्रोह व अन्य गंभीर आरोपों में जेल की सलाखों के पीछे कैद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को आज जमानत नहीं मिल सकी। सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के नेता चिन्मय ब्रह्मचारी को 25 नवंबर को ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा ने शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत पर लिया था। तब से वह जेल में हैं।

बांग्लादेश के समाचार पोर्टल बीडीन्यूज24डॉटकॉम के अनुसार, 38 वर्षीय चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को आज अदालत नहीं लाया गया। चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एडीसी (अभियोजन) मोफिजुर रहमान ने कहा कि जमानत याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद जज ने अगली सुनवाई के लिए दो जनवरी की तारीख तय की। उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी।

इस बीच ढाका ट्रिब्यून ने भारतीय टीवी समाचार चैनलों पर प्रतिबंध के संबंध में चौंकाने वाली खबर दी है। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, इस संबंध में बांग्लादेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें भड़काऊ समाचारों के प्रसारण का हवाला देते हुए देश में सभी भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया गया है। यह याचिका वकील इखलास उद्दीन भुइयां ने दायर की है। भुइयां ने बताया कि जस्टिस फातिमा नजीब और जस्टिस सिकदर महमूदुर रजी की पीठ याचिका पर सुनवाई कर सकती है। याचिका में खासतौर पर भारतीय चैनल स्टार जलसा, स्टार प्लस, जी बांग्ला, रिपब्लिक बांग्ला का जिक्र किया गया है। याचिका में सूचना मंत्रालय और गृह मंत्रालय के सचिव, बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग और अन्य को पक्षकार बनाया गया है।

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