बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज सदन में सिटिंग अरेंजमेंट को लेकर भारी बवाल हुआ। विपक्ष के विधायक सत्तापक्ष के तरफ़ आकर बैठ गए। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच खूब नोकझोंक हुई। राजद विधायक भाई बीरेंद्र सीएम की कुर्सी तक पहुंच गए। सीएम की कुर्सी पर बैठने पहुंचे राजद विधायक भाई वीरेंद्र को उंगली दिखाकर विधानसभा अध्यक्ष बोले- गंभीर परिणाम होंगे। उनके आदेश के बाद मार्शल ने उन्हें बाहर कर दिया।
इस पूरे प्रकरण नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोई भी सदन नियम और कायदे से चलता है। लगातार तीन सत्र से राजद के जो बागी विधायक हैं वो मंत्रियों के सीटों पर बैठ रहे हैं। नियम के अनुसार देखा जाए तो वे आज भी राजद के ही विधायक हैं और उनकी सीट विपक्ष के साइड अलॉट है।
तेजस्वी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के साथ सत्र से पहले हुई मीटिंग के दौरान इस बात की जानकारी लिखित रूप से स्पीकर को दिया था। बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग लगातार कर रहे हैं लेकिन अबतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई और बागी विधायक सत्तापक्ष की तरफ बैठते रहे। अगर ऐसा है तो तब कोई भी कहीं भी बैठ सकता है। जब सभी का सीट अलॉट है तो कोई भी कही जाकर कैसे बैठ जाएगा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि तीन सत्र हो गए और बाकी विधायकों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ? इससे पता चलता है कि सदन नियम से नहीं चल रहा है। सरकार नियम से ऊपर हो गई है। इस बात को लेकर विपक्ष के विधायकों में बहुत रोष है। यही वजह है कि सरकार का आंख खोलने के लिए विपक्ष के विधायक सत्तापक्ष की तरफ जाकर बैठ गए। सरकार की आंख खोलने के लिए सिर्फ सचेत किया गया है।
स्मार्ट मीटर को लेकर तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष ने सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे अस्वीकृत कर दिया गया। इसी बात को लेकर हंगामा हो गया।
उन्होंने कहा कि हमलोग पहले भी कह चुके हैं कि पूरे देश में बिहार में सबसे महंगी बिजली मिलती है। हमारी सरकार बनेगी तो दो सौ यूनिट बिजली फ्री में देंगे और बिजली बिल माफ भी किया जाएगा लेकिन सरकार इस मुद्दे पर बहस करने को तैयार नहीं है।