अश्वगंधा चूर्ण के वितरण पर रोक: जांच में फेल हुआ ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज का सैंपल

हरिद्वार स्थित ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद कॉलेज की फार्मेसी में बने अश्वगंधा चूर्ण का सैंपल जांच में फेल हो गया है। इसके बाद फार्मेसी द्वारा आपूर्ति किए गए इस चूर्ण को वापस मंगवा लिया गया है। देहरादून के आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा विभाग ने एक पत्र जारी कर आयुर्वेद अस्पतालों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में इस चूर्ण के वितरण पर रोक लगा दी है।

अश्वगंधा चूर्ण, जो कमजोरी, तनाव, इम्युनिटी बढ़ाने और नींद संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है, अब इन संस्थानों में नहीं बांटा जाएगा। पत्र में कहा गया है कि राजकीय विश्लेषक राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, ऋषिकुल आयुर्वेदिक फार्मेसी का अश्वगंधा चूर्ण (500 ग्राम) का सैंपल जांच में फेल हो गया है। चूर्ण की निर्माण तिथि जनवरी 2024 और अवसान तिथि दिसंबर 2025 है।इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं, ताकि भविष्य में इस चूर्ण का वितरण न किया जा सके और आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

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