Gautam Adani Bribery Case: गौतम अडानी रिश्वत मामले में नई-नई परतें खुल रही हैं। अमेरिका में अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद देश की नामी हस्तियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (USSEC) के आरोप पत्र में अडानी ग्रुप के साथ आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी का भी जिक्र हुआ है। यूएसएसईसी ने जगन मोहन रेड्डी और अन्य अधिकारियों को घूस देने का आरोप लगाया। जिसके चलते रेड्डी भी जांच के दायरे में आ गए हैं।
दरअसल, अडानी ग्रुप पर सोलर एनर्जी से जुड़े ठेके रिश्वत लेकर हासिल करने आरोप लगे हैं। अडानी ग्रुप पर आरोप है कि गौतम अडानी ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की घूस दी। ये आरोप यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की की ओर से लगाए गए हैं। इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) द्वारा किए गए पावर सप्लाई एग्रीमेंट्स (PSAs) 265 मिलियन डॉलर के घूस का मामला जांच के दायरे में आ गया है।
अडानी ग्रुप ने आरोपों का खंडन
हालांकि, इस मामले पर अडानी ग्रुप की ओर से एक स्टेटमेंट जारी कर सफाई दी गई है। इस स्टेटमेंट में गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी ने यूएसएसईसी के लगाए सभी आरोपों का खंडन कर दिया है। अडानी ग्रुप की ओर से जारी किए गए इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि ये आरोप निराधार हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है।
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बयान जारी किया है। खड़गे ने एक्स में पोस्ट कर लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार उन अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं का विरोध कर रही है, जो मोदी सरकार की नीतियों के तहत प्रमुख क्षेत्रों में एकाधिकार बनाने और कुछ व्यक्तियों को अनुचित लाभ देकर उनकी संपत्ति केंद्रित करने का काम करती हैं।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और अडानी द्वारा बनाए गए इस पूरे दुष्चक्र में चहेते व्यवसायी, समझौता किए गए नौकरशाह और कुछ राजनेता शामिल हैं। जिनकी जांच होनी चाहिए और इसे समाप्त किया जाना चाहिए।”