-अमेरिका ने कतर से हमास को शरण देना बंद करने की अपील की थी
दोहा । कतर और अमेरिका के बीच बातचीत के बाद अब कतर ने हमास नेताओं को देश छोड़ने की चेतावनी दी है। हमास के कई प्रमुख नेता कतर की राजधानी दोहा में शरण लिए हुए थे, अब उन्हें वहां से जाने को कहा गया है। कतर सरकार का यह फैसला अमेरिका और कतर के हुई बातचीत का परिणाम है, जिसमें अमेरिका ने कतर से हमास नेताओं को शरण देना बंद करने की अपील की थी।
मीडिया रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक हमास एक आतंकवादी समूह है जिसने न केवल अमेरिकी नागरिकों की हत्या की, बल्कि बंधक भी बनाया है और बार-बार बंधकों को रिहा करने के प्रस्तावों को नकारा है। इसके कारण अमेरिका ने कतर से कहा था कि हमास के नेताओं का किसी भी अमेरिकी साझेदार देश की राजधानी में रहना स्वीकार नहीं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए इस समय हमास और इजराइल के बीच संघर्ष को रोकना और युद्धविराम लागू करना सबसे पहली प्राथमिकता है। इस संदर्भ में कतर पर दबाव बढ़ा है, खासतौर पर इजराइल और अमेरिका के बंधक की मौत और हमास द्वारा युद्धविराम प्रस्ताव को नकारे जाने के बाद। अमेरिका ने कतर से आग्रह किया कि वह हमास नेताओं को निष्कासन की धमकी दे, ताकि वे गाजा में युद्ध रोकने के लिए सहमत हों।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी कतर से कहा था कि अगर हमास गाजा में युद्ध रोकने के लिए सहमत नहीं होता है, तो उसे दोहा से बाहर निकाल दिया जाएगा। हालांकि, कतर ने हमास के नेताओं को देश छोड़ने के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया है। यह कदम कतर और हमास के रिश्तों में दरार डाल बना सकता है। जानकारों का कहना है कि हमास के नेता तुर्की में शरण ले सकते हैं।
कतर का यह कदम अमेरिका के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, क्योंकि कतर ने हमेशा मध्य-पूर्व में तटस्थ रहने की कोशिश की है। अमेरिका से बातचीत के बाद उसे अब अपनी नीति बदलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कतर का यह कदम न केवल कतर और अमेरिका के रिश्तों पर असर डालेगा, बल्कि समग्र मध्य-पूर्वी राजनीति पर भी प्रभाव डाल सकता है, खासतौर से हमास के शरणदाता देशों के रुख और इजराइल-हमास संघर्ष के कूटनीतिक प्रयासों में।