नई दिल्ली, । यूपी में विधानसभा की 9 सीटों होने वाले उपचुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को रायबरेली का दौरा करेंगे। इस दौरे में राहुल गांधी कई महत्वपूर्ण बैठकों और उद्घाटन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वह जिला समन्वय की बैठक और दिशा की बैठक में शामिल होंगे, जहां अमेठी के सांसद केएल शर्मा भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा राहुल रायबरेली के शहीद चौक का उद्घाटन करेंगे और कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
सांसद राहुल का यह दौरा सुबह 10:30 बजे फुरसतगंज एयरपोर्ट से शुरू होगा, जहां से वह सड़क मार्ग से डिग्री कॉलेज चौराहा पहुंचेंगे और शहीद चौक का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह कलेक्ट्रेट परिसर स्थित बचत भवन में दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक का उद्देश्य विकास परियोजनाओं की समीक्षा और समन्वय में सुधार करना है।
राहुल गांधी का यह दौरा यूपी उपचुनाव के बीच हो रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे उपचुनाव में प्रचार करेंगे। हालांकि कांग्रेस ने इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब कांग्रेस से सीट शेयरिंग पर पूछा तो उन्होंने पुष्टि की कि उनकी कांग्रेस नेताओं से बातचीत हुई थी।
यह उपचुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि अखिलेश भी इस बार व्यक्तिगत रूप से प्रचार करने उतरने वाले हैं। आमतौर पर सपा के उम्मीदवार स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में ही चुनावी मुकाबला करते रहे हैं, लेकिन इस बार अखिलेश खुद मैदान में होंगे। इस बदलाव को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश और राहुल गांधी का एक साथ उपचुनाव में प्रचार करना कांग्रेस और सपा के गठबंधन को जनता के सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश कर सकता है। इंडिया गठबंधन के चलते दोनों पार्टियों का साथ आना, खासतौर पर यूपी जैसे बड़े राज्य में, विपक्ष को एक नई ऊर्जा दे सकता है। हालांकि, राहुल गांधी के प्रचार में शामिल होने की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरु हो गई है।
राहुल गांधी का रायबरेली दौरा सिर्फ एक विकास कार्यों की समीक्षा के लिए नहीं है बल्कि कांग्रेस के लिए यूपी में अपना आधार मजबूत करने की दिशा में एक कदम भी माना जा रहा है। यह दौरा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साह और नई दिशा देने का अवसर है, खास कर तब जब यूपी उपचुनाव में पार्टी की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनके दौरे से जहां रायबरेली में कांग्रेस की सक्रियता दिखाई देगी, वहीं उपचुनाव में उनकी उपस्थिति या प्रचार की संभावना विपक्षी गठबंधन के बीच नए समीकरण बनाने में मददगार साबित हो सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में देखना होगा कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साथ प्रचार अभियान में उतरते हैं या नहीं।