कृष्ण लाल पवार का राज्यसभा से इस्तीफा
नई दिल्ली । हरियाणा मे भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। चुनाव के पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही थी। उन्हीं के नाम पर हरियाणा का चुनाव लड़ा गया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत होते हुए भी केंद्रीय नेतृत्व नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री नहीं बना पा रहा है।
हरियाणा के राव इंद्रजीत एवं पूर्व गृह मंत्री अनिल बिज मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल है। इन दोनों नेताओं के गुट में कई विधायक हैं। इन नेताओं ने आक्रमक तेवर अपना रखे हैं। उसने भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है। ऐसी स्थिति में बगावत को रोकने के लिए हरियाणा मे मुख्यमंत्री पद के लिए इस बार दलित नेता की लॉटरी खुलना तय माना जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान दलित नेता शैलजा को आधार बनाकर दलित राजनीति हरियाणा में की थी। भारतीय जनता पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर जो पंजाबी समुदाय से आते हैं। वह लगभग साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।पिछड़ा वर्ग से नायब सिंह सैनी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा चुका है। जिस तरह से भाजपा के अंदर से बगावत देखने को मिल रही है। ऐसी स्थिति में भाजपा हाईकमान भाजपा की बगावत को रोकने और दलित समुदाय को रिझाने के लिए दलित को मुख्यमंत्री बनना चाहती है। हाई कमान के इशारे पर किशन लाल पवार ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया है।
जो स्वीकार भी हो चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में विधायकों की रायसुमारी के लिए चंडीगढ़ पहुंचेंगे। दिल्ली से जो खबरें निकल कर आ रही है। इस बार बीजेपी दलित मुख्यमंत्री बनाकर हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को भी साधने की कोशिश करेगी। बीजेपी हरियाणा की बगावत पर कृष्ण कुमार के जरिए लगाम लगाएगी। विधायक दल की बैठक में दलित नेता कृष्ण पवार के नाम की पर्ची निकालना तय माना जा रहा है।