हरिद्वार: आंगनबाडी कार्यकत्रियों के लिए आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला की गई आयोजित

हरिद्वार। सजगता व सतर्कता ही किसी भी आपदा से निपटने का सबसे सशक्त माध्यम है। यह बात जिलाधिकरी कर्मेन्द्र सिंह ने आपदा कंट्रोल रूम में चल रहे आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोलते हुए कही।

जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी आपदा बताकर नहीं आती, सजगता व सतर्कता ही किसी भी आपदा से निपटने का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय स्थानीय एवं सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके ही आपदा के प्रभावों को आसानी से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फर्स्ट रिस्पॉंडर जितना सजग होगा, राहत कार्यों में उतनी ही आसानी होगी। उन्होंने कहा कि सिखाई गई जानकारी को व्यवहार में लाए तथा अन्य को भी जागरूक करें। 

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से दिये गये निर्देशों के क्रम में जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से 150 आंगनबाडी कार्यकत्रियों के लिए  प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यशाला के पंचम व अंतिम प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस मनोज कंडियाल, मास्टर ट्रेनर की ओर से आपदा प्रबंधन में समुदाय की भूमिका व आपदा से बचाव के बारे में तथा स्वस्थ्य विभाग से डॉ. गुरनाम सिंह, जिला मलरिया अधिकारी की ओर से डेगू से बचाव के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय दिवस अग्निशमन विभाग की ओर से प्रतिभागियों को आग के प्रकार तथा आग को बुझाने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया तथा आग के बुझाने के तरीकों का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया

तथा ऑर्गेनाईजेशन ऑफ डिजास्टर मैनेजर्स संस्थान नई दिल्ली से विशेष आमंत्रित सहायक चीफ सिविल डिफेंस डॉ विनोद भारद्वाज ने प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन खोज एवं बचाव के लिए प्रयोगात्मक जानकारी प्रदान की तथा वैकल्पिक स्ट्रेचर बनाने तथा घायलों को सुरक्षित ले जाने विषय में प्रतिभागियों को प्रयोगात्मक भी कराया गया। प्रशिक्षण के समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों से लिखित फीडबैंक के माध्यम से भी सुझाव लिए गये। अंत में मास्टर ट्रेनर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन किया गया तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर, मनोज कंडियाल, अग्निशमन अधिकारी तथा अजय पंत मौजूद रहे।

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